स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी के चिन्ह पर, हरियाणा चुनाव आयोग को वकील ने भेजा नोटिस

हरियाणा के 52 नगर निगमों और नगर परिषदों के आगामी चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर लड़ने पर सवाल उठाते हुए.

Update: 2021-11-14 14:35 GMT

हरियाणा के 52 नगर निगमों और नगर परिषदों के आगामी चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर लड़ने पर सवाल उठाते हुए एक वकील ने हरियाणा चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है।  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने रविवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में बताया कि कानूनी रूप से स्थानीय निकाय चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्हों पर नहीं लड़े जा सकते हैं। उन्होंने शुक्रवार को इस संदर्भ में चुनाव आयोग को कानूनी नोटिस भेजा है।

वकील ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों में चुनाव अधिकारी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह दे सकता है, लेकिन यह मुक्त चिन्हों की सूची से होता है और राजनीतिक पार्टियों के आरक्षित चुनाव चिन्ह नहीं दिए जा सकते क्योंकि वर्तमान निगम कानूनों में इसका प्रावधान नहीं है।
उन्होंने बताया कि अब तक हरियाणा में आरक्षित पार्टी चुनाव चिन्हों का आवंटन चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न तो हरियाणा नगर परिषद अधिनियम 1973, और ना ही हरियाणा नगर निगम, 1994 में ऐसा कोई प्रावधान है कि स्थानीय निकाय चुनाव राजनीतिक दलों के आधार पर लड़े जा सकते हों। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हरियाणा नगर परिषद चुनाव नियम, 1978 और हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम में भी इसका कोई जिक्र नहीं है।वकील हेमंत कुमार ने बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में सितंबर में लिखा था, लेकिन उन्हें जवाब दिया गया कि आयोग के पास संविधान के तहत पर्याप्त शक्तियां हैं। वकील की तरफ से दाखिल सूचना अधिकार अर्जी पर भी यही जवाब दिया गया। वकील के अनुसार, आयोग को चुनाव करवाने के अधिकारों के संदर्भ में शक्तियां मिली हुई हैं पर वह राज्य के बनाए कानूनों में प्रावधान पर निर्भर करती हैं।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया, जहां इसी साल नगर निगम अधिनियम 1994 में संशोधन कर नगर निगम चुनाव पार्टी चुनाव चिन्हों पर लड़ने का प्रावधान किया गया, जिसके बाद धर्मशाला, पालनपुर, मंडी व सोलन निगमों के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्हों पर करवाए गए।


Tags:    

Similar News

-->