फार्मेसी विभाग की छात्रा खुशी गोयल ने रिसर्च के जरिए तैयार किया चाय का फार्मूला

छात्रा खुशी गोयल ने रिसर्च के जरिए तैयार किया चाय का फार्मूला

Update: 2022-07-07 10:46 GMT
रोहतक: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के फार्मेसी विभाग की छात्रा खुशी गोयल ने रिसर्च के जरिए चाय का फार्मूला तैयार किया है. इस चाय को औषधीय गुण वाले 11 विभिन्न पौधों के मिश्रण से तैयार किया गया है. चाय के दो फार्मूले तैयार किए गए हैं जिनमें सुबह वाली चाय पीने पर स्फूर्ति और एनर्जी मिलेगी जबकि रात वाली चाय से तनाव दूर होगा और चैन की नींद आएगी.
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ की खुशी गोयल रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में फार्मेसी विभाग के सीनियर प्रोफेसर मुनीष गर्ग के निर्देशन में करीब एक साल तक शोध किया. खुशी ने बताया कि सुबह और रात की अलग-अलग चाय बनाने के लिए अश्वगंधा, तुलसी, लेमन ग्रास, दाल चीनी, गिलोय, अदरक और गोल्डन शावर सहित 11 खास औषधीय गुण वाले पौधों को शामिल किया.इन पौधों से उपजे फल, बीज, पत्ते और जड़ आदि का अलग-अलग तरीकों से जरूरत के अनुसार, मिश्रण किया जिससे यह अलग तरह की चाय तैयार हुई.वहीं, प्रो. मुनीष गर्ग ने बताया कि खुशी गोयल एमकॉम की स्टूडेंट है. खुशी के सेकेंड ईयर की पढ़ाई के दौरान एक डेजेटेशन प्रोजेक्ट रहता है जिसके अंदर हम इनको रिसर्च करने के एक प्रोजेक्ट देते हैं. इसकी अवधि एक साल की होती है. खुशी को प्रोजेक्ट देते वक्त ख्याल आया कि क्यों ना इसे ऐसा प्रोजेक्ट दिया जाय जो सोसायटी के काम आए. उस दौरान चाय को लेकर प्रोजेक्ट देिया गया. क्योंकि चाय को लेकर बहुत सारी रिपोर्ट देखने को मिलती है कि सामान्य चाय का जो बैग होता है उसमे माइक्रो फाइबर रहता है जो कि हेल्थ के लिए भी ठीक नहीं है और उसको डिस्पोज करना भी काफी मुश्किल है.
प्रोफेसन मुनीष ने बताया कि इन दो चीजों पर फोकस करके ऐसा कॉम्बिनेशन तैयार करने की कोशिश की जिसका कोई हेल्थ बेनिफिट हो. इसके बाद हमने चाय के दो फार्मूले तैयार किए. इसके लिए हमने 11 औषधियों का इस्तेमाल किया. इनके प्रूवल हेल्थ बेनिफिट थे. इन 11 औषधियों को लेकर अलग अलग मिश्रण तैयार किए गए. एक कॉम्बिनेशन हमने इस उद्देश्य से बनाया कि जिससे सुबह हमे एनर्जी मिले. इसके अलावा एक कॉम्बिनेशन हमने रात के सोने से पहले के लिए बनाया है. ये आजकल के लोगों को स्ट्रेस की बहुत समस्या रहती है जिसको लेकर हमने एक अलग कॉम्बिनेशन बनाया.
उन्होंने कहा कि लैब में तैयार किए इस चाय के कॉम्बिनेशन को गर्म पानी में डालते ही उसका कुछ हिस्सा पानी में छूट जाता है और वह शरीर के लिए नुकसानदायक होता है लेकिन इस चाय के पैकिंग मैटीरियल में माइक्रो फाइबर बिल्कुल भी नहीं है इसलिए कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं है.
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