फर्जी पत्र लगाकर बिल भुगतान कराने के मामले की जांच शुरू

Update: 2023-04-07 09:03 GMT

गुडगाँव न्यूज़: नगर निगम में पार्षदों के फर्जी संतुष्टि प्रमाणपत्र से राशि का भुगतान करने के प्रयास के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने नगर निगम के मुख्य अभियंता से टेंडर, बिल पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों की जानकारी मांगी है.

इसके अलावा इस दौरान नगर निगम में अधिकारियों की तैनाती का ब्योरा देने को भी कहा गया है. मामला दर्ज होने के करीब एक साल बाद पुलिस ने इस फाइल को खोला है. निगम की तरफ से पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है. शहरी स्थानीय निकाय सचिव ने अधिकारियों को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी, जबकि पुलिस ने इसको लेकर मामला भी दर्ज किया हुआ था. निगम अधिकारियों के अनुसार ठेकेदार ने अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के निर्देश पुलिस को दिए हैं. ऐसे में एक बार फिर पुलिस ने मामले की फाइल को खोलकर इसकी जांच शुरू कर दी है. इसको लेकर पुलिस ने अब नगर निगम से अधिकारियों के रिकॉर्ड के साथ पकड़े गए सभी कार्यों का भी रिकॉर्ड लिया है.

यह है पूरा मामला बता दें कि 2020 में नगर निगम के अधिकारियों ने पार्षदों के फर्जी संतुष्टि पत्र लगाकर करीब पांच करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान करवाने का प्रयास किया था, लेकिन तत्कालीन निगमायुक्त ने अधिकारियों के इस फर्जीवाड़े को पकड़ लिया था. इसके बाद तत्कालीन निगमायुक्त ने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा था. मुख्यालय ने इस मामले में अधिकारियों को क्लीन चिट तक दे दी थी.

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