हरियाणा में गर्मी...बढ़ते तापमान के चलते राज्य में भैंसों के लिए बनाया गया स्विमिंग पूल
हरियाणा में गर्मी
हिसार: आसमान से बरसते शोलों के बीच प्रदेश के तमाम जिलों का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. आम जनजीवन गर्मी और गर्म हवाओं के चलते बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. ऐसे में पशुओं की जिंदगी पर भी बुरा असर अब पड़ने लगा है. प्रदेश में पशुधन संवर्धन एवं संरक्षण पर विशेष जोर है. ऐसे में हिसार में भैंसों के संवर्धन के लिए स्थापित केंद्रीय भैंस अनुसंधान ने इस भीषण गर्मी से भैंसों को निजात लिए स्विमिंग पूल बनाए हैं.इस स्विमिंग पूल में भैसों को दिन में तीन से चार बार नहलाया जाता है. गर्मी से परेशान भैंस दिन में घंटो-घंटो इसमें खड़ी रहती है. ठंडे पानी की बौछार के लिए इस पुल में फव्वारे भी लगाए गए हैं. इन भैंसों को शेड्यूल के हिसाब से दिन में तीन से चार बार पूल में लाया जाता है. दरअसल हरियाणा और बाकी के प्रदेशों में खासतौर पर दुग्ध उत्पादन के लिए भैंसों को पाला जाता है. भैंस का रंग काला होने की वजह से और ज्यादा गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. झुलसती गर्मी में भैंसे हीट स्ट्रेस होने का खतरा रहता है. इतनी गर्मी की वजह से दूध उत्पादन में भी कमी आ जाती है. वहीं गर्भवती भैंसों को और भी ज्यादा परेशानी गर्मी की वजह से झेलनी पड़ती है. इसी वजह से केंद्रीय भैंस रिसर्च संस्थान ने इन भैंसो को गर्मी से बचाने के लिए इस स्विमिंग पूल को बनवाया है.
हरियाणा में भैंसों के लिए बनाया गया स्विमिंग पूल
केंद्रीय भैंस रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिक डा. अनुराग भारद्वाज ने बताया कि अक्सर गर्मियों के मौसम में तापमान बढ़ने पर दुधारू पशुओं को हीट स्ट्रेस की समस्या हो जाती है. इसी वजह से दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता में कमी आ जाती है. खासकर इस समय भैंस में ज्यादा दिक्कत होती है क्योंकि उसका रंग काला होता है. काला रंग ज्यादा जल्दी गर्म होता है. पशुओं को हीट स्ट्रेस से बचाने के लिए उन्हें खुले और हवादार कमरे में रखा जाना चाहिए. इसके साथ ही संभव हो तो शेड के अतिरिक्त पंखे व कूलर भी लगाएं ताकि पशु ठंडे रहें. भैंसों को हीट स्ट्रेस से बचाने के लिए हमने यहां एक पूल की तरह भैंस नहलाने के लिए बनाया है जिसमें पानी के फुहारे भी लगाए गए हैं.
गर्मी के इस मौसम में पशुओं को गर्मी से बचाने के साथ-साथ अन्य कई बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है. इस मौसम में पशु को समय-समय पर पानी पिलाना चाहिए, पशुओं को खाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक चीजें जैसे चूनी, दलिया, सरसों खल वगैरह खिलानी चाहिए. इसके साथ साथ जितना संभव हो सके पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो गर्मी के इस मौसम में हमें पशुओं को ज्यादा से ज्यादा हरा चारा व पोषक तत्व देना चाहिए.
कैसे पहचान करें पशुओं में हीट स्ट्रेस की समस्या
पशु चिकित्सकों के अनुसार बढ़ती गर्मी से दुधारू पशु हाफना शुरू कर देता है. इसके अलावा शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है. इसके साथ- साथ डीहाइड्रेशन से पशु की खाल भी झुर्रीदार हो जाती है. पानी की कमी के चलते भी आंखें भी अंदर की ओर धंस जाती हैं. दूध देने की क्षमता भी बीस प्रतिशत तक घट जाती है. पशुओं में सांस लेने की दर 35 स्वांस प्रति मिनट या इससे अधिक हो जाती है. हीट स्ट्रेस का शिकार होने पर पशु सुस्त नजर आने लगता है. अगर ऐसे कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.