बूस्टर डोज से बढ़ी लोगों की इम्यूनिटी, कई दवाइयों की डिमांड 25% घटी
दवाइयों की डिमांड 25% घटी
फरीदाबाद : पिछले दो साल में कोरोना ने लोगों को बेशक से अंदर से झकझोर कर रख दिया हो, लेकिन कोरोना वैक्सीन ने अब लोगों की इम्यूनिटी बढ़ा दी है। वहीं बूस्टर डोज से लोगों की इम्यूनिटी काफी स्ट्रांग हो चुकी है। बूस्टर डोज से कोविड के साथ साथ अन्य मौसमी बीमारियों से भी बचाव हो रहा है। इसके चलते इस वर्ष गर्मियों में उल्टी, बुखार, डायरिया के मरीज काफी कम संख्या में मिले है। जबकि हर साल अस्पताल मरीजों से भर जाते थे।
वहीं इम्यूनिटी मजबूत होने के बाद कई दवाईयों की डिमांड भी 25 प्रतिशत तक घट गया है। जिसकी वजह से कंपनियों ने अपना प्रोडेक्शन भी घटा दिया है। वहीं दो साल बाद दवाईयों में प्रयोग होने वाला रॉ मैटेरियल के दाम भी घट गए है।
मल्टीविटामिन की बिक्री 25 प्रतिशत से अधिक गिरी
दवाई निर्माता कंपनी के संचालक ने बताया कि मल्टीविटामिन की बिक्र ी 25 प्रतिशत से अधिक गिर गई है। जबकि कोरोना के समय में लोगों ने अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए खूब मल्टीविटामिन का प्रयोग किया था, अब बूस्टर डोज के बाद लोगों की इम्यूनिटी पहले से अधिक स्ट्रांग हो चुकी है।
दो साल बाद सस्ता हुआ रॉ मैटेरियल
वहीं कई दवाइयों का रॉ मैटिरियल दो साल बाद सस्ता हुआ है। डिमांड कम होने से पेन किलर, एलर्जी और बुखार जैसी दवाईयों की बिक्री कम हुई है। वहीं इनके दाम भी 25 प्रतिशत तक गिर चुके है।
कोरोना के बाद स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी हो गए लोग
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के बाद लोग अपनी सेहत के प्रति पूरी तरह से जागरूक हो गए है। इसके अलावा वर्क फार्म होम का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जिसके कारण मौसमी बीमारियों से भी बचाव हो रहा है। दवाई बनाने वाली कंपनी के संचालक पुष्पेंद्र सिंह बताते है कि ब्लड प्रेशर, किडनी और शूगर के लिए प्रयोग होने वाली दवाओं की मांग में किसी तरह की कमी नहीं आई है। वहंी उल्टी दस्त और बुखार की दवाईयों की डिमांड काफी कम हो गई है। इसलिए इन दवाईयों का प्रोडेक्शन भी घटा दिया है।
सोर्स: पंजाब केसरी