मुंबई एक्सप्रेसवे से हाईटेंशन लाइन के टावर हटेंगे

Update: 2023-05-04 10:05 GMT

रेवाड़ी न्यूज़: दिल्ली डीएनडी फ्लाईओवर से लेकर पलवल के मंडकौला गांव तक बनाए जा रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 59 किलोमीटर लंबे कनेक्टर एक्सप्रेसवे (एनएच-148एनए) पर बिजली की हाईटेंशन लाइन के टावरों को शिफ्ट करने का कार्य अगले माह से शुरू हो जाएगा.

टावरों शिफ्ट होने के बाद सर्विस सड़क को बनाने में रफ्तार आएगी. फिलहाल नए टावर खड़े करने का 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. एक्सप्रेसवे की सर्विस सड़क के रास्ते में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम की हाईटेंशन बिजली लाइन के टावर आ रहे हैं. इन टावर को हटाने के लिए एनएचएआई और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड प्रबंधन के बीच गत वर्ष करार हो गया था. इन टावर को हटाने से पहले इनके स्थान पर नए टावर लगाए जाने थे. ताकि बिजलीघरों में बिजली आपूर्ति में ज्यादा विलंब न हो . एनएचएआई ने हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अलावा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के साथ भी 11हजार वोल्ट की बिजली लाइनों को हटाने के लिए करार किया था. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे के बीच में आ रही बिजली की लाइनों को हटा चुका है. अब हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड की लाइनों को हटाने का काम शुरू होने वाला है. एक्सप्रेसवे को बना रही कंपनी के अधिकारी हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ तालमेल कर निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे के बराबर में टावर खड़े करवा रहे हैं. सेक्टर-37 से लेकर आईएमटी तक हाईटेंशन बिजली लाइनों के टावर हैं. पुराने टावरों को हटाने से पहले नए टावर लगाने का काम चल रहा है. बिजली की लाइनों को शिफ्ट करवाने में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि यहां पर 52 टावर हैं. इनमें से 35 नए टावर खड़े किए जा चुके हैं.

सर्विस रोड का काम नहीं हो पा रहा

बिजली के ये टावर सर्विस सड़क के रास्ते में आ रहे हैं. जब तक ये टावर नहीं हटेंगे, तब तक सर्विस सड़क के काम में रफ्तार नहीं आ पाएगी. इसके मद्देनजर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी अब टावर हटाकर लाइन शिफ्ट करने में तेजी लाना चाहती है, क्योंकि अगस्त माह तक फरीदाबाद जिले में एक्सप्रेसवे का काम हर हाल में पूरा किया जाना है. इन टावरों के हटाए बिना सर्विस सड़क का काम पूरा नहीं हो सकेगा.

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