हरियाणा Haryana : चुनाव प्रचार के चरम पर कांग्रेस को झटका देते हुए राई से दो बार विधायक रह चुके जय तीरथ दहिया ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्हें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता था। दहिया ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को डाक से अपना इस्तीफा भेजा। उन्होंने हुड्डा पर विश्वासघात और अपमान करने का आरोप लगाया। टिकटों की घोषणा के बाद से ही दहिया हुड्डा से नाराज चल रहे थे। गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बार राई विधानसभा क्षेत्र से जय भगवान अंतिल को मैदान में उतारा है। पूर्व विधायक ने आज राई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अन्य विधानसभा क्षेत्रों से टिकट पाने वाले कांग्रेस नेताओं पर भी सवाल उठाए। दहिया ने दावा किया कि हुड्डा ने
उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में इस पर कुछ सौदेबाजी हुई। दहिया ने आरोप लगाया कि उनका टिकट कटवाने और उन्हें अपमानित करने में पिता और पुत्र दोनों की भूमिका है। पूर्व विधायक ने कहा कि दोनों ने ही प्रदेश में पार्टी को खराब किया है। मैं विधानसभा चुनाव के बाद फैसला लूंगा, लेकिन उनके समर्थकों तक यह संदेश पहुंच चुका है कि अब मैं कांग्रेस में नहीं हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट पैसे के बल पर बांटे गए हैं।
दहिया ने कहा कि जिस तरह से उनका अपमान किया गया है, उसे वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि बरोदा विधानसभा क्षेत्र में डॉ. कपूर नरवाल के साथ भी यही हुआ था। गौरतलब है कि दहिया 2009 और 2014 में राई विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए थे और उन्होंने इस बार भी टिकट के लिए आवेदन किया था। उनके पिता रिजाक राम दहिया भी यहां से दो बार 1972 और 1977 में जीते थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में वे इनेलो प्रत्याशी इंद्रजीत से मात्र तीन वोटों से जीते थे और वे तब भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के खिलाफ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष में मोर्चा खोला था और तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफे की पेशकश की थी।