कैथल। चिराग योजना के विरोध और शिक्षकों की पक्की भर्ती की मांग के लिए शिक्षक तालमेल कमेटी ने शुक्रवार को लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। इससे पूर्व विभिन्न संगठनों से जुड़े शिक्षक लघु सचिवालय के पार्क में जमा हुए और वहां से प्रदर्शन करते हुए सचिवालय तक पहुंचे।
जिला संयोजक मास्टर सतबीर गोयत, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला सचिव बूटा सिंह व प्राथमिक शिक्षक संघ के राजेश बेनीवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए चिराग योजना शुरू की है। इसके तहत सरकारी स्कूलों के आर्थिक रूप से कमजोर दूसरी से 12वीं कक्षाओं के बच्चों के दाखिले निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में करने का कार्यक्रम तय किया है। इससे अध्यापकों में भारी रोष है। आरोप लगाया कि यह सरकारी स्कूलों को कमजोर करने की योजना है।
इस मौके पर हसला के जिला चेयरमैन ईश्वर ढांडा व शारीरिक शिक्षक संघ के राज्य कोषाध्यक्ष राजवीर टाया ने कहा कि सरकार को सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं मजबूत करते हुए अध्यापकों के रिक्त पड़े लगभग 50 हजार पदों को भरना चाहिए। इसके लिए 16 वर्षों से कार्य कर रहे अतिथि अध्यापकों को नियमित करना चाहिए। साथ ही नई भर्ती करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि शिक्षा के सार्वजनिक ढांचे में सुधार करते हुए चिराग योजना वापस ली जाए। मॉडल संस्कृति विद्यालयों में शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा के अनुरूप अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा को जारी रखा जाए। सभी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक रिक्त पदों को शीघ्र स्थायी भर्ती से भरा जाए। एनजीओ के माध्यम से भर्ती पर रोक लगाई जाए। विद्यार्थियों को पुस्तकें एवं प्रोत्साहन राशि दी जाए। मिड-डे मील के लिए प्रति छात्र राशि में वृद्धि की जाए। उन्होंने अन्य कई मांगें भी सरकार के सामने रखी।
इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान विजेंद्र मोर, सुनीता, संगीता, सुनीता मलिक, भारती, रामफल भागल, सरदूल सिंह, सुरेश राविश, सतपाल पांचाल, कृष्ण आर्य व मजेंदर रावीश मौजूद रहे।