हरियाणा: 11 अगस्त को बहनें बांधेंगी राखी

Update: 2022-08-08 13:51 GMT

ब्रेकिंग न्यूज़: करनाल। इस बार रक्षाबंधन पर्व को लेकर ज्योतिषियों व विद्वानों में संशय की स्थिति है। पूर्णिमा तो 11 अगस्त को सुबह 10.38 बजे से है, जो 12 अगस्त की सुबह तक 7:06 बजे तक रहेगी। लेकिन 11 अगस्त को सुबह 10.30 बजे से भद्रा भी लग रही है जो रात 8.30 बजे तक रहेगी। भद्रा की स्थिति को लेकर ही विद्वानों की अलग अलग राय है। विद्वानों का कहना है कि इस बार मंगल व राहु का अशुभ योग बन रहा है, जिसे अंगा योग कहा जाता है। बहनों को भद्रारहित काल में भाइयों को राखियों को बांधने की सलाह दी गई है, वहीं इसी दिन शुभ एवं अमृत चौगड़ियों का समय शुभ बताया गया है। वहीं, कुछ विद्वानों का ये भी कहना है कि 11 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में होगी, इसलिए भद्रा का वास पाताल में होगा। इसलिए पृथ्वीवासियों पर इसका प्रभाव नहीं होगा। इसलिए दिनभर रक्षाबंधन मनाया जा सकता है।

रक्षाबंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित अपहरण व्यापिनी पूर्णिमा में करने का शास्त्र विधान है। यदि पहले दिन व्याप्त पूर्णिमा के भद्राकाल, दूसरे दिन उदय काल पूर्णिमा तिथि मुहूर्त हो तो उसी दिन उदय कालीन पूर्णिमा में रक्षाबंधन मनाना चाहिए। इस वर्ष 11 अगस्त की दोपहर में पूर्णिमा में भद्रा दोष व्याप्त है और आगामी दिन 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा त्रिमुहूर्त नहीं है। वहीं, उत्तरप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित भूदेव शाख्यधर बताते हैं कि भद्रा का वास राशि आधारित पृथ्वी, आकाश और पाताल में होता है। 11 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, इसलिए उस दिन भद्रा पाताल में वास करेगी और पृथ्वीवासियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। इनके अनुसार सुबह 10.38 बजे के बाद 12 अगस्त की सुबह सात बजे तक राखी बांधी जा सकती है। चौगड़ियों के शुभ समय में बांधी जा सकती है राखी श्री श्याम बाला जी ज्योतिष केंद्र के संस्थापक पंडित विनोद शर्मा ने बताया कि भद्रा में किया जाने वाला कोई भी शुभ कार्य अच्छा नहीं होता, क्योंकि भद्रा शनि की बहन है और यह ब्रह्मा द्वारा शापित है।

हरियाणा: 11 अगस्त को बहनें बांधेंगी राखीभद्रा के समय में कोई भी कार्य करना अशुभ माना गया है, इसलिए भद्रा रहित समय पर ही यह शुभ त्योहार मनाया जाए। हालांकि 11 अगस्त को दोपहर 12.40 से 3.51 बजे तक शुभ व अमृत की चौगड़िया है, इसके बाद शाम को 5.27 बजे से 7.03 बजे तक शुभ की चौगड़िया है, इसमें राखी बांधी जा सकती है, जो शुभ होगी। 11 अगस्त को 10:39 के बाद बांधे राखी गायत्री ज्योतिष संस्थान के संचालक पंडित सतीश वशिष्ठ ने बताया कि मुहूर्त चिंतामणि 1/45 के अनुसार मकर राशि के चंद्रमा में भद्रवास पाताल में होने के कारण इस दिन मकरस्थ चंद्रमा की भद्रा को पीयूषधारा, मुहूर्त गणपति, भूपाल बल्लभ आदि ग्रंथों में अत्यंत शुभ बताया गया है। इसलिए भद्रा का मुख छोड़कर (जो शाम 5.51 से शुरू होगा) यानी सुबह 10:39 बजे से शाम 5:51 बजे तक राखी बांधी जा सकती है। ये समय श्रावणी उपाक्रम व रक्षाबंधन के लिए शुभ है प्रदोष काल का रखें ध्यान पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि बहनें केवल भद्रा काल का ही ध्यान न रखें, बल्कि इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रदोष काल की समाप्ति से पहले अपने भाई की कलाई पर राखी बांधें, क्योंकि पूर्णिमा की तिथि 12 अगस्त सुबह 7:06 बजे खत्म हो जाएगी, इसलिए उसके बाद रक्षाबंधन नहीं माना जाएगा।

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