Haryana: कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने कपालमोचन में किया स्नान
Haryana: उत्तर भारत के सबसे बड़े कपालमोचन मेले के चौथे दिन जैसे ही घड़ी ने 12 बजाए, आसमान अचानक रंगीन हो गया और जमकर आतिशबाजी हुई। कई राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं ने सरोवरों में डुबकी लगाई। प्रशासन के मुताबिक इस बार 8 लाख से ज्यादा लोग कपालमोचन तीर्थ पहुंचे। कपालमोचन मेले में कार्तिक पूर्णिमा की रात को स्नान किया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर यहां स्नान करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। कपालमोचन में सिर्फ एक सरोवर नहीं बल्कि 3 सरोवर हैं।
श्रद्धालुओं ने सभी सरोवरों में स्नान कर अपनी मनोकामना मांगी। जैसे ही घड़ी ने 12 बजाए, सभी सरोवरों पर आतिशबाजी की गई। श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगानी शुरू कर दी। श्रद्धालुओं ने कहा कि कपालमोचन में आने से हमारे सभी दुख दूर हो जाते हैं। यहां हम जो भी मनोकामना मांगते हैं, वह पूरी होती है। ऐसा नहीं है कि हम इस मेले में पहली बार आए हैं। हम इस मेले में काफी समय से आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। मेला व्यवस्थापक का कहना है कि इस मेले में करीब 10 लाख लोग पहुंचे थे। इस बार मेले को खास बनाने के लिए कई इंतजाम किए गए थे।
उन्होंने बताया कि यहां कई राज्यों से लोग आते हैं। यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने सुरक्षा समेत पुख्ता इंतजाम किए हैं। आपको बता दें कि यमुनानगर के बिलासपुर में स्थित कपाल मोचन तीर्थ उत्तर भारत का बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि यहां सभी 33 करोड़ देवी-देवता आए थे। सिख गुरु श्री गुरु नानक देव और श्री गुरु गोविंद सिंह भी यहां आए थे। भगवान शिव को यहां ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिली थी और महाभारत के युद्ध के बाद पांडव ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए यहां आए थे।