हरियाणा सरकार की क्रीमी लेयर पर जारी अधिसूचना को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती
हरियाणा सरकार द्वारा 17 नवंबर, 2021 को क्रीमी लेयर को लेकर जारी अधिसूचना को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरियाणा सरकार द्वारा 17 नवंबर, 2021 को क्रीमी लेयर को लेकर जारी अधिसूचना को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।
याचिकाकर्ता जींद निवासी छात्रा रोजी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा तय नियम के अनुसार पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ केवल उन लोगों को मिलता है जिनके परिवार की सभी स्त्रोत से वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो। इससे अधिक आय वाले लोगों को क्रीमी लेयर मानकर उनको आरक्षण का लाभ न देने का प्रावधान है।
याची ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए नियम बनाया कि जिन परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें क्रीमी लेयर में शामिल कर दिया जाएगा। ऐसे में हजारों किसान, तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के परिवार इस लाभ से वंचित हो गए हैं। नौकरियों में भी इन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया है और शिक्षण संस्थानों में भी।
याची ने बताया कि उसने इससे पहले भी अधिसूचना को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने तब याचिका का निपटारा करते हुए याची को हरियाणा सरकार को मांगपत्र सौंपने का आदेश दिया था। याची ने बताया कि उसने मांगपत्र दिया था लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। उसने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया था और उसके पिता तृतीय श्रेणी कर्मचारी हैं ऐसे में याची को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया।
याची ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार किसी भी सांविधानिक पद पर रह चुके व्यक्ति के आश्रितों को भी आरक्षण के लाभ से वंचित किया गया है। अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति, राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज, संघ लोक सेवा आयोग और राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आदि सांविधानिक पदों पर रहने वालों के आश्रितों को भी आरक्षण के लाभ से वंचित किया गया है। याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।