हरियाणा Haryana : हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे धान की कटाई के बाद फसल अवशेष न जलाएं, क्योंकि पराली जलाने से न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।प्रेस विज्ञप्ति में सरकार ने किसानों से कहा कि पराली जलाने की बजाय किसानों को मशीनों का उपयोग करके अवशेषों को मिट्टी में मिला देना चाहिए। धान के अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पर्यावरण भी स्वच्छ होगा।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए ‘हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25’ शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। योजना के लिए आवेदन करने के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल’ पर पंजीकरण कराना होगा। इच्छुक किसान योजना का लाभ उठाने के लिए 30 नवंबर, 2024 तक विभाग के पोर्टल agriharyana.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।प्रवक्ता ने आगे कहा, "इस योजना का उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से रोकना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस पहल से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि किसानों को फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी।"