हरयाणा: अदालत ने ढिंगसरा ऑनर किलिंग केस में 16 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

Update: 2022-03-22 13:19 GMT

हरयाणा जजमेंट न्यूज़ स्पेशल: फतेहाबाद के ढिंगसरा गांव के बहुचर्चित ऑनर किलिंग केस में अदालत ने मंगलवार को 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दिल दहला देने वाली यह वारदात 1 जून, 2018 को हुई थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत ने सभी 16 दोषियों सुंदरलाल, शेर सिंह, बलवान, विक्रम, भंवर सिंह उर्फ भंवरा, बलराज सिंह, नेकीराम, रवि, धर्मपाल उर्फ जागर, रवि, दलबीर, सुरजीत, श्रीराम, साहबराम, वेदप्रकाश, वीरूराम, विनोद कुमार, बलबीर सिंह को आजीवन कारावास और 16 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक हिसार के गांव डोबी के धर्मबीर ने शीशवाल गांव में मामा के घर रह रही मंगाली की सुनीता के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था।धर्मबीर प्राइवेट बस में ड्राइवर था। सुनीता बस से आदमपुर पढ़ने जाती थी। धर्मबीर और सुनीता का प्यार यहीं से परवान चढ़ा। दोनों की जाति अलग-अलग थी और परिजन शादी को तैयार नहीं हुए। दोनों ने मार्च 2018 में घर से भाग कर सिरसा के छत्तरपट्टी मंदिर में प्रेम विवाह किया। सिरसा कोर्ट में दोनों ने दलबीर आदि को पार्टी बनाते हुए सुरक्षा मांगी। तब दलबीर आदि ने कहा था कि उनको इस शादी से कोई एतराज नहीं है। कुछ दिन सेफ हाउस में रहने के बाद धर्मबीर अपने मामा के पास फतेहाबाद के गांव ढिंगसरा चला गया। 1 जून, 2018 को युवती के परिजन ढिंगसरा गांव पहुंचे और वहां पर हवाई फायर कर धर्मबीर और सुनीता का अपहरण कर लिया। धर्मबीर के मामा ने पुलिस में शिकायत दी। पुलिस ने युवती को शीशवाल से बरामद किया था लेकिन युवक का कहीं कोई पता नहीं चला।

पुलिस ने बाद में खुलासा किया था कि धर्मबीर को गांव शीशवाल के ट्यूब्वेल पर ले जाकर रबड़ के पट्टों से पीट-पीटकर मार डाला गया। इसके बाद उसके शव को नहर में फेंक दिया था। धर्मबीर का शव राजस्थान के भादरा से सिद्धमुख नहर से बरामद हुआ था। उल्लेखनीय है एक आरोपित श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।

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