हरियाणा Haryana : सढौरा विधायक रेणु बाला और रादौर विधायक बिशन लाल सैनी को टिकट देकर कांग्रेस ने यमुनानगर जिले में अपने पुराने सिपहसालारों पर भरोसा जताया है। हालांकि, पार्टी ने जगाधरी और यमुनानगर विधानसभा क्षेत्रों के लिए अभी उम्मीदवार तय नहीं किए हैं। रेणु बाला सिरसा सांसद और कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा की वफादार हैं और बिशन लाल सैनी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट से हैं। भाजपा ने जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी है।
सढौरा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक बलवंत सिंह, जगाधरी विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक कंवर पाल गुज्जर, यमुनानगर सीट से मौजूदा विधायक घनश्याम दास अरोड़ा और रादौर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा को मैदान में उतारा है।
पहली बार विधायक बनीं कांग्रेस नेता रेणु बाला 2019 में कांग्रेस के टिकट पर आरक्षित सढौरा विधानसभा क्षेत्र से चुनी गई थीं। उन्होंने भाजपा के बलवंत सिंह को हराया था। साढौरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और भाजपा प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा नेता बलवंत सिंह तीन बार विधायक रह चुके हैं। जिले की इस आरक्षित विधानसभा सीट से वे 2014 में भाजपा के टिकट पर, 2005 में इनेलो के टिकट पर और 2000 में विधायक चुने गए थे। रादौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बिशन लाल सैनी और भाजपा प्रत्याशी श्याम सिंह राणा के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है।
तीन बार विधायक रह चुके बिशन लाल सैनी 2019 में कांग्रेस की टिकट पर रादौर विधानसभा क्षेत्र से, 2009 में इनेलो की टिकट पर रादौर विधानसभा क्षेत्र से तथा 2000 में बसपा की टिकट पर जगाधरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2019 में रादौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के करण देव कांबोज को हराया था। रादौर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का टिकट न मिलने के बाद कांबोज नाराज हैं तथा उन्होंने 5 सितंबर को भाजपा ओबीसी मोर्चा हरियाणा के अध्यक्ष पद तथा भाजपा के अन्य पदों से इस्तीफा दे दिया था। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, यमुनानगर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा तथा कांग्रेस के दो-दो विधायक हैं। दोनों ही पार्टियों ने यहां विधानसभा चुनाव में अपने विधायकों को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन चारों विधायकों को अपनी सीट बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।