हरियाणा: धोखाधड़ी के आरोप में चार पूर्व शिक्षा अधिकारियों पर केस दर्ज
हरियाणा के कैथल में शिक्षा विभाग के विभिन्न बैंक खातों से नियमों का पालन किए बिना 39.75 लाख रुपये निकलवाने के मामले में विभाग ने चार पूर्व शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है।
हरियाणा के कैथल में शिक्षा विभाग के विभिन्न बैंक खातों से नियमों का पालन किए बिना 39.75 लाख रुपये निकलवाने के मामले में विभाग ने चार पूर्व शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। यह कार्रवाई विभाग की उप निदेशक इंद्रा बेनीवाल की शिकायत पर की गई है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 से लेकर 2013 तक तत्कालीन शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षा विभाग के बैंक खातों से नियमों को ताक पर रखकर 39.75 लाख रुपये निकलवा लिए, हालांकि मई-जून 2014 में अधिकारियों ने उक्त धनराशि सरकारी खजाने में जमा करवा दी पर ब्याज नहीं दिया गया।
उस दौरान तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी हरचरण सिंह के कार्यकाल में 14 लाख 30 हजार 887 रुपये, कमला मिड्ढा के कार्यकाल में आठ लाख 72 हजार 160, साधू राम बेरवाल के कार्यकाल में 11 लाख 73 हजार 549 और जसबीर सिंह के कार्यकाल में चार लाख 98 हजार 825 रुपये की राशि निकलवाई गई। यह धनराशि 39 लाख 75 हजार रुपये से ज्यादा बनती है। राशि निकलवाने के बाद इसका कोई भी वाउचर जांच के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नहीं पाया गया। यही कारण है कि अब मामले में विभाग ने ब्याज की रिकवरी के लिए अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।
इससे पहले विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी को केस दर्ज करवाने के लिए आदेश जारी किए थे, लेकिन उन्होंने पूर्व अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने की बात कहते हुए पता उपलब्ध करवाने के बारे में विभाग को वापस पत्र लिखा। अब शिक्षा विभाग के मुख्यालय की ओर से उप निदेशक की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। सिटी थाना एसएचओ रोहताश कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस ने तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। संबंधित अधिकारियों का पता ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस द्वारा मामले की आगामी जांच की जा रही है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने कहा कि विभाग की ओर से की गई शिकायत के आधार पर तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ शहर थाने में केस दर्ज करवाया गया है। अब मामले की जांच व ब्याज की रिकवरी के लिए आगामी कार्रवाई पुलिस विभाग की ओर से की जाएगी।