Gurugramगुरुग्राम : मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होने का डर दिखाकर सेक्टर-9 एरिया के रहने वाले एक शॉप ओनर को साइबर ठगों ने 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। विडियो कॉल के दौरान आरोपी वॉकी-टॉकी पर बात कर शख्स को केस में सस्पेक्ट बताकर अरेस्ट करने के निर्देश दे रहे थे। डिजिटल अरेस्ट के दौरान पीड़ित को कमरे से बाहर भी नहीं जाने दिया गया। इसके बाद उससे 2 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। सेक्टर-9 एरिया में रहने वाले शख्स ने बताया कि वह दुकान चलाते हैं। 25 मई की सुबह डीओटी ( से आईवीआर कॉल आई। इसमें इनके आधार कार्ड से लिंक सभी मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने की बात कही गई। फिर कॉल सुनने के अनुसार इन्होंने नंबर दबाए तो कस्टमर केयर कर्मचारी से बात हुई। कर्मचारी ने कहा कि आपके आधार कार्ड से लिंक एक अन्य नंबर से कई सारी गैर कानूनी गतिविधियां हुई हैं।कॉल मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर दी गई। फिर एक पुलिस अधिकारी ने बात की। इसके बाद नंबर लेकर वट्सऐप कॉल व नॉर्मल कॉल पर बात की। पुलिसकर्मी ने कहा कि आप मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल हैं। इसमें लगभग 6 करोड़ रुपये की ट्रांजैक्शन हुई है। Department of Telecommunications
बैंक डेबिट कार्ड मिलने की बात कही
आरोपी ने कहा कि Money Laundering केस में मुख्य आरोपी नरेश गोयल के घर पर रेड के दौरान आपका बैंक डेबिट कार्ड मिला है। इसके बाद विडियो कॉल पर भी कनेक्ट किया गया। आरोपियों ने कहा कि आप जांच में सहयोग नहीं करोगे और हमारी बात नहीं मानोगे तो आपके घर पुलिस टीम भेज देंगे। लगभग 3 घंटे तक एक कमरे में बंद करके रखा और किसी को कमरे में आने देने से मना किया। आरोप है कि उनके पास वॉकी-टॉकी भी था, जिस पर बात करते हुए वे कह रहे थे कि ये एक Suspect है और इसे कस्टडी में लेना है। उनके पास कई अन्य सस्पेक्ट की लिस्ट थी। उस लिस्ट को दिखाकर शिकायतकर्ता से पूछा गया कि क्या इनमें से किसी को जानते हो। शिकायतकर्ता काफी घबरा गया।
बिहार के ब्रांच का बैंक खाता नंबर दिया
आरोपियों ने एक खाता नंबर देकर उसमें रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया ताकि वे चेक कर सकें कि मेरा खाता मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं था। आरोपियों के बताए गए बैंक के खाते में शिकायतकर्ता ने अपने खाते से 2 ट्रांजैक्शन में 2 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। शिकायत पर policeने जांच की तो पाया कि ठगी की राशि जिस खाते में ट्रांसफर हुई है, ये बैंक खाता बिहार भोजपुर के जगदीशपुर में ब्रांच में एक कंपनी के नाम से है। शुरुआती जांच में कुछ तथ्य स्पष्ट होने के बाद साइबर क्राइम थाना वेस्ट में अब ठगी की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एसीपी साइबर प्रियांशु दीवान की अगुवाई में अब साइबर क्राइम थाना की टीम मामले में जांच कर रही है।