सरकार ने जीता दलितों का दिल, 15 दिन में लागू किया प्रमोशन में आरक्षण: सुदेश कटारिया

Update: 2023-10-09 11:03 GMT
चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा के प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपनी जुबान के धनी और बात के पक्के हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता के सामने जो वादे किये और जो घोषणाएं की, उन्हें धरातल पर उतारने में देरी नहीं लगाई। ग्रुप ए और ग्रुप बी पदों के सभी संवर्गों में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का निर्णय इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रदेश में आज तक कोई भी राजनीतिक दल दलित अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने वाले इस फैसले को लागू करने की पहल नहीं कर पाया, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा करने के बाद एक पखवाड़े के भीतर ही अपने फैसले को लागू करते हुए इसकी अधिसूचना जारी करवा दी है।
भाजपा प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने बताया कि पूरे प्रदेश में सरकार के इस फैसले की दलित समाज के लोगों में खूब सराहना हो रही है। प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति के अधिकारियों व कर्मचारियों को पदोन्नति में स्वीकृत पदों में से 20 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन देगी। ग्रुप ए और ग्रुप बी के सभी पदों पर आरक्षण स्वीकार्य होंगे। सर्वोच्च पदोन्नति पद के लिए लागू सेवा नियमों के अनुसार परस्पर वरिष्ठता को ध्यान में रखा जाएगा। कटारिया ने कहा कि अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित नहीं किया जाएगा, भले ही 20 प्रतिशत आरक्षण की सीमा पूरी हो गई हो।
भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सीधी भर्ती हेतु रोस्टर अंक लागू होंगे। ग्रुप सी और डी कर्मचारियों के लिए रोस्टर प्वाइंट या प्रतिस्थापन सिद्धांत के आवेदन के लिए दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा। यदि कोई पात्र एससी कर्मचारी रोस्टर के अनुसार पदोन्नति के लिए उपलब्ध नहीं है तो किसी अन्य श्रेणी के पात्र कर्मचारी को पदोन्नत किया जा सकता है। अनुसूचित जाति कर्मचारी को पात्र होने पर एक अतिरिक्त पद पर समायोजित किया जाएगा। उन्होंने बाकी लोगों का ध्यान रखते हुए कहा कि पदोन्नति में आरक्षण से पदोन्नति पद पर वरिष्ठता प्रभावित नहीं होगी। भाजपा नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जब यह घोषणा की थी, तब उन्होंने पूरे प्रदेश के दलित समाज के प्रमुख लोगों से वार्ता की थी। उस समय उन अधिकारियों, लोगों व कर्मचारियों में बहुत अधिक खुशी थी। अब अधिसूचना जारी होने के बाद दलित समाज को यह भरोसा हो गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही उनके सच्चे हितैषी हैं।
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