चंडीगढ़। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा है कि खनन की नियमित निगरानी के लिए सरकार ने सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करने का निर्णय लिया है। भविष्य में किसी भी खनन अनुबंध क्षेत्र में से खनन सामग्री ले जाने वाले सभी वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा।
मुख्य सचिव शुक्रवार को यहां भू एवं खनन विभाग की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर थे। उन्होंने कहाकि जिन क्षेत्रों में अवैध माइनिंग की अधिक समस्याएं हैं उन संवदेनशील क्षेत्रों में चौक पोस्ट बढाई जाएं और सीसीटीवी कैमरे लगाने पर भी विचार किया जाए। विशेषकर पकड़े गए अवैध वाहनों को खड़ा करने के लिए निर्धारित स्थानों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहाकि अधिकारी जिलों में अवैध माईनिंग की सख्त मॉनीटरिंग करें। अवैध वाहन पकड़ते समय उसमें ले जाए जा रहे खनन को भी मौके पर उतरवाना सुनिश्चित करें। अवैध माइनिंग में लिप्त वाहनों को छोड़ने में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। नियमित रूप से हर माह जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठकें की जाए। मिनट्स पोर्टल पर अपलोड किए जाए।
पहली तिमाही में 2 करोड़ 34 लाख जुर्मानाः
कौशल ने कहा कि राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इनके तहत वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में अवैध खनन को लेकर 120 एफआईआर दर्ज कर 343 वाहन पकड़े गए और उनसे 2 करोड़ 34 लाख 24 हजार 250 रुपए का जुर्माना वसूला गया है। गत वर्ष के दौरान अवैध खनन में लगे 1349 वाहन पकड़ कर उनसे 14 करोड़ 89 लाख 57 हजार 566 रुपए की जुर्माना राशि वसूल की गई थी।