लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाने वाले बिल पर पुनर्विचार करे सरकार : सर्वखाप

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Update: 2022-07-17 17:26 GMT

रोहतक। समाज के विकास व भलाई के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सर्वखाप की बैठक शनिवार को हुई, जिसकी अध्यक्षता रोहतक खाप 84 के प्रधान हरदीप अहलावत ने की। बैठक में संसद के मानसून अधिवेशन में लड़कियों की शादी की आयु 18 से 21 वर्ष करने और हरियाणा में युवाओं में बढ़ रहे नशे की आदत पर चिंतन व विचार विमर्श करने की मांग की। सर्वखाप के सदस्यों ने कहा कि सरकार आगामी मानसून अधिवेशन के दौरान कई नए विधेयक संसद में पेश करने जा रही है, जिनमें बाल विवाह रोकने के नाम पर लड़कियों की शादी की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का बिल संसद में लाया जा रहा है।सरकार ने किसी भी सामाजिक संस्था से इसके बारे में ठोस विचार विमर्श नहीं किया। सामाजिक संस्थाओं का मानना है कि आधुनिक परिवेश में जो बेटियां 18 वर्ष की आयु के बाद आगे पढ़ाई जारी रख कर अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए कोई रोक नहीं है।

वे चाहें जितना पढ़ सकती है, उनकी पढ़ाई के लिए परिवार और समाज उनकी हर प्रकार की मदद करने को तैयार रहता हैं लेकिन जो बेटियां 12वीं कक्षा के बाद आगे पढऩे की इच्छुक नहीं होती, उनके लिए 21 वर्ष की आयु पूरी करने की लक्ष्मण रेखा खीचना ठीक नहीं है। यह कानून सरकार व परिवारों के लिए एक दिन संकटपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है, इसलिए सामाजिक मर्यादाओं, सामाजिक आवश्यकताओं तथा सामाजिक ताने-बाने के लिए बेटियों की शादी की आयु 18 वर्ष ही रहने देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता को किशोरावस्था से ही अपने बच्चों का खासकर लड़कों का शाम के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए, वे किस समय घर में आ रहे हैं या नहीं आ रहे। नहीं आ रहे तो क्यों नहीं आ रहे। घर से बाहर किस प्रकार की संगत में रहते हैं, इन सब बातों का मां-बाप ध्यान रखे। बच्चों को समय देंगे तो बच्चा कभी भी नशे की लत की तरफ नहीं जाएगा।
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