हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता ओम प्रकाश चौटाला फिर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. उनको आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने दोषी माना है और चार साल कैद की सजा सुनाई है. 87 साल के चौटाला को जेल लाने से पहले डॉक्टरी परीक्षण किया गया और शुक्रवार की शाम 7 बजे उनको जेल नंबर 2 लाया गया जहां उनके साथ 2 और कैदी रहेंगे. इससे पहले भी चौटाला शिक्षक भर्ती केस में 10 साल इसी जेल नंबर-2 में ही काट चुके हैं.
ओपी चौटाला के खिलाफ साल 2005 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें उन पर साल 1993 से 2006 तक अवैध तरीके से संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में स्पेशल जज विकास धुल ने दोषी मानते हुए चार साल कैद और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बीते हफ्ते इस मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि चौटाला की ओर से जुटाई गई संपत्ति के बारे में कोई संतुष्ट करने वाली दलील या प्रमाण नहीं दिए गए हैं.
बता दें कि ओपी चौटाला बीते साल 2 जुलाई को ही भर्ती घोटाला केस में 10 साल की कैद की सजा काटकर बाहर आए थे. उनको साल 2013 में हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाला केस में जेल भेजा गया था. इस मामले में चौटाला के साथ ही उनके बेटे अजय चौटाला, आईएएस संजीव कुमार सहित 53 लोगों को दोषी पाया गया था.
26 मार्च 2010 को सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें आरोप लगाया गया कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक ओपी चौटाला ने आय से ज्यादा संपत्ति जोड़ी है. सीबीआई के मुताबिक, उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी, जिसके सोर्स का उनके पास कोई सबूत नहीं था. चौटाला के पास आय से 189.11% संपत्ति ज्यादा थी. चौटाला के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की थी. ED ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया. साल 2019 में ईडी ने चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली थी. उनका नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित फ्लैट, एक प्लॉट और जमीन को जब्त कर लिया गया था. जनवरी 2021 में स्पेशल जज विकास धुल ने उनके खिलाफ आरोप तय किए थे.