जल संचयन के लिए पांच तालाबों को संवारा जाएगा

Update: 2023-05-25 04:53 GMT

रेवाड़ी न्यूज़: स्मार्ट सिटी के पांच तालाबों का अमृत सरोवर मिशन के तहत जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा. प्राकृतिक रूप से वर्षा जल संचयन के मद्देनजर इन्हें संवारा जा रहा है, ताकि लोग वहां सैर आदि भी कर सकें. इन पांच तालाबों के जीर्णोद्धार पर करीब 3.22 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

नगर निगम ने इनकी अलग-अलग निविदाएं जारी की है. सरकार ने यह कवायद कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 में शुरू की थी और करीब 22 प्राकृतिक तालाबों के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव नगर निगम की तरफ से हरियाणा सरकार को भेजा गया था. लेकिन अभी 10 की परियोजना बनी है.

गिरते भूजल स्तर में सुधार होगा अमृत सरोवर मिशन के तहत सात तालाबों के जीर्णोद्धार काम बीते वर्ष शुरू किया गया था. इनमें अटाली, धौज, मोहना, तिगांव, पाली व भनकपुर आदि में इस योजना के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. इससे भूजल स्तर के सुधरने की उम्मीद रहेगी.

तालाबों की खुदाई और सौंदर्यीकरण में आम लोगों की भी सहभागिता बनी रहती है. इस योजना में तालाबों की खुदाई, रिटर्निंग वॉल व सौंदर्यीकरण करके भ्रमण योग्य बनाया जाएगा.

इन तालाबों की बदलेगी सूरत

स्मार्ट सिटी में तिलपत, गौंछी, डबुआ, सराय व बाजरी के तालाबों का जीर्णोद्धार शामिल है. तिलपत के तालाब के जीर्णोद्धार पर 7756956 रुपये, गौंछी के तालाब के जीर्णोद्धार पर 9621452 रुपये, डबुआ के तालाब के जीर्णोद्धार पर 8079728 रुपये, सराय ख्वाजा के तालाब के जीर्णोद्धार पर 4015906 रुपये और बाजरी के तालाब के जीर्णोद्धार पर 2690041 रुपये खर्च होंगे. इस योजना के तहत जिले में करीब 75 तालाबों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा. बीते कुछ वर्षो से स्मार्ट सिटी में लगातार गिरते भूजल स्तर को रोकने की कवायद के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक तालाबों का जीर्णोद्धार पर जोर दिया है.

तीन गांवों में काम अधूरा

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की प्रसिद्ध बड़खल झील के आसपास के तीन गांव के चार तालाबों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की करीब चार करोड़ रुपये की योजना आगे नही बढ़ी. इसमें गांव अनखीर के दो, बड़खल और भांखरी के एक-एक तालाब के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाना था. इन चारों तालाबों की खुदाई आदि पर करीब 7.70 लाख रुपये और इन तालाबों के सौदर्यीकरण व जीर्णोद्धार के अलावा इनमें पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने आदि कार्यो के लिए योजना बनी थी. हालांकि ये बड़खल, भांखरी और अनखीर के चारों तालाब अवैध कब्जों से बदहाल हैं.

अधिकांश तालाब मानचित्र से गायब

स्मार्ट सिटी के गांवों के अधिकांश तालाब अब नहीं है. मौके पर तालाब की जगहों पर पार्क, सामुदायिक भवन, या फिर अवैध कॉलोनी बसी हुई हैं. जबकि दो तीन दशक पहले तक इन तालाबों में गांव का पानी जमा होता था, जिससे गांव व आस पास भूजल स्तर काफी अच्छा रहता था. 90 के दशक में ये तालाब पानी से लबालब भरे रहते थे. उस समय इन गांवों में भूजल स्तर 100 फुट से नीचे रहता था.

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