हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण कानून के तहत पहला मामला फरीदाबाद में दर्ज किया गया

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Update: 2022-12-05 19:02 GMT
चंडीगढ़। हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 के अंतर्गत एक मामला (प्राथमिकी ) फरीदाबाद ज़िले के एसजीएम नगर थाने में दर्ज किया गया है। इस कानून के अंतर्गत दर्ज यह राज्य में पहला केस है। मीडिया में ऐसा रिपोर्ट किया गया कि उक्त अधिनियम (कानून ) प्रदेश में गत 8 जून, 2022 से प्रभावी है। इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव आदि को लिखकर स्पष्ट किया है कि उक्त कानून की धारा 1 (2 ) के अंतर्गत आज तक राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा इस कानून को विधिवत रूप से प्रदेश में लागू करने सम्बन्धी गजट नोटिफिकेशन ही जारी नहीं की गयी है। हेमंत ने आगे बताया कि इस वर्ष हरियाणा प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र दौरान हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक (बिल), 2022 सदन द्वारा पारित किया गया था जिसे 7 अप्रैल 2022 को प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की स्वीकृति प्राप्त हो गयी थी जिससे उक्त विधेयक अधिनियम (कानून) बन गया एवं 12 अप्रैल 2022 को इसे (अंग्रेजी में) हरियाणा सरकार के सरकारी गजट में प्रकाशित भी कर दिया गया. यह वर्ष 2022 का हरियाणा अधिनियम संख्या 16 है। इसके बाद 8 जून 2022 को इस अधिनियम का हिंदी अनुवाद का प्रदेश सरकार के गजट (राजपत्र) में प्रकाशन किया गया जो हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 की धारा 4 (क ) (क) के अंतर्गत किया जाता है. प्रदेश विधानसभा द्वारा बनाये गये कानून की सर्वप्रथम जारी अंग्रेजी भाषा में गजट नोटिफिकेशन होने के बाद उसका हरियाणा की राजभाषा अर्थात हिंदी में अनुवाद कर उसकी भी गजट अधिसूचना प्रकाशित की जाती है जो उक्त 1969 कानून के अनुसार अनिवार्य है।
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