किसानों ने की मुआवजे की मांग, जलभराव के चलते 200 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद
करनाल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शहर करनाल के कई गांवों में सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न (Crop destroyed in karnal) हो चुकी है. करनाल के गांव बड़थल के रहने वाले किसान सुनील ने बताया कि पिछले कई दिनों से जो बरसात हुई थी उसके चलते उनके खेतों में काफी जलभराव हो गया है. आस-पास के गांव रायपुर बरानी की तरफ से जो पानी गांव में आता है वह बीच में नहर आने की वजह से वहीं खेतों में भर जाता है. इसके चलते उनकी फसल जलमग्न हो जाती है. बरसात के बाद जैसे ही धूप निकलती है तो फसल खराब होनी शुरू हो जाती है. हर बरसात में दूसरे गांव से पानी आता है और गांव से निकलने वाली नहर के साथ लगते सैकड़ों एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर देता है.
किसानों का कहना है कि दो-तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक कृषि विभाग का कोई भी अधिकारी इस गांव में नहीं पहुंचा है. जिससे किसानों में काफी गुस्सा है. किसानों की सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द खेतों में भरा पानी निकालने का प्रबंध किया जाये ताकि उनकी फसल बच सके. जिन किसानों की फसल खराब हुई है उनको मुआवजा दिया जाये. एक अन्य किसान महेश ने कहा कि उनके गांव में 200 एकड़ से ज्यादा फसल खराब होने की कगार पर है. लेकिन जिला प्रशासन और कृषि विभाग का कोई भी अधिकारी उनके गांव में जायजा लेने तक के लिए नहीं पहुंचा.
करनाल में जलभराव के चलते 200 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद, किसानों ने की मुआवजे की मांग
जलमग्न खेतों से पानी को निकालने के लिए नहर विभाग की तरफ से पंप सेट लगाये गये हैं. जिससे पानी खेतों से निकालकर नहर में डाला जा रहा है. जिससे कुछ हद तक उनकी फसल तो बच सकती है लेकिन पूरी फसल बचाना संभव नहीं है.
200 एकड़ से ज्यादा फसल खराब हो गई.
कृषि उपनिदेशक डॉक्टर आदित्य प्रताप के मुताबिक जिले में कहीं भी ज्यादा बरसात नहीं हुई है. ऐसे में फसल खराब होने का कोई मामला नहीं है. हालांकि उन्होंने यह बात मानी है कि जिन इलाकों में पीछे से पानी आया है वहां पर कुछ नुकसान जरुर हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान की फसल जलभराव के कारण खराब हुई है तो वह 72 घंटे के अंदर कृषि विभाग में मुआवजे के लिए अर्जी दे सकता है. जिसके बाद कृषि विभाग द्वारा उनके खेत का निरीक्षण करके उनको मुआवजा दिया जाएगा.