Faridabad: साइबर ठगों ने स्मार्ट सिटी के लोगों से हर दिन ठगे 35 लाख
"11 महीनों के दौरान लगभग 119 करोड़ रुपये ठगा"
फरीदाबाद: स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के 15 हजार से अधिक लोगों से साइबर ठगों ने साल 2024 के 11 महीनों के दौरान लगभग 119 करोड़ रुपये ठग लिए। अलग-अलग तरीकों से ठगी की वारदात करते हुए लोगों के खातों से ये रुपये आरोपियों ने या तो चुरा लिए या उन्हें झांसे में लेकर ट्रांसफर करा लिए। साइबर पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने तक कुल 119 करोड़ 66 लाख 9 हजार 914 रुपये की ठगी हुई है। इस हिसाब से हर दिन शहर के लोगों से 35 लाख 71 हजार 969 रुपये और 89 पैसे साइबर अपराधी ठग रहे हैं। साइबर ठगी के बढ़ते मामले स्मार्ट सिटी के लोगों के लिए खासी परेशानी व चिंता का विषय है। पुलिस की ओर से भी प्रयास करते हुए कुल 27 करोड़ 57 लाख 44 हजार 147 रुपये बरामद किए जा चुके हैं।
साल 2024 में नवंबर महीने तक फरीदाबाद की साइबर पुलिस के पास 14 हजार 800 से अधिक शिकायतें आई हैं। इनमें से 13147 शिकायतों का पुलिस की ओर से निपटारा करने का दावा किया गया है। पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए इस साल बरामदगी की राशि को काफी हद तक बढ़ाने का प्रयास किया गया। नवंबर महीने तक साइबर पुलिस ने 579 एफआईआर दर्ज कर 858 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस अवधि के दौरान पुलिस ने 5 फर्जी कॉल सेंटर पर भी रेड कर आरोपियों को पकड़ा है।
जागरूकता अभियान से भी नहीं हो रहा असर: साल दर साल साइबर ठगी के मामलों की संख्या और ठगी की राशि कई गुना तेजी से बढ़ती जा रही है। हालांकि पुलिस की ओर से भी शहर में लगभग हर दिन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन इस जागरूकता अभियान का भी कोई खासा असर लोगों पर नहीं पड़ रहा है। साइबर ठगी को लेकर जागरूकता ही बचाव का एकमात्र उपाय है। लेकिन पढ़े-लिखे लोग भी इन साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं और लाखों व करोड़ों रुपये गवां बैठते हैं।
डिजिटल अरेस्ट का किसी भी कानून में नहीं है कोई प्रावधान: फरीदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश दुग्गल ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि आज के आधुनिक दौर में डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी से बढ़ोतरी के साथ, साइबर ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा कार्रवाई तो की ही जा रही है, इसके साथ-साथ आमजन को भी जागरूक होने की जरूरत है। साइबर अपराध का मुख्य व कारगर समाधान जागरूकता है। उन्होंने कहा कि वीडियो कॉल पर पुलिसकर्मी की वर्दी पहने साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट कर केस का डर दिखाकर ठगी करते हैं। जबकि किसी भी कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है।