Gurugram गुरुग्राम : गुरुग्राम के उपायुक्त (डीसी) ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुरुग्राम जिले की अरावली पर्वतमाला में कहीं भी अवैध खनन की सूचना मिलने पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। डीसी अजय कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अरावली गुरुग्राम का संरक्षित वन क्षेत्र है और जिले के प्रत्येक नागरिक को इसे सुरक्षित रखना है। कुमार ने सोमवार को संबंधित अधिकारियों के साथ अवैध खनन से संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। डीसी ने कहा कि संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अपने उपमंडल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस विभाग और खनन विभाग के साथ संयुक्त टीमें बनाकर अरावली क्षेत्र का औचक निरीक्षण करें और यदि कहीं भी अवैध निर्माण या खनन की शिकायत मिलती है तो उसे रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए।
डीसी ने बताया कि जिले के नौरंगपुर, रायसीना और पटौदी क्षेत्र में वर्तमान में 32 स्टोन क्रशर और सात ईंट भट्टे हैं। इन सभी को ग्रैप-4 के क्रियान्वयन के चलते काम बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई क्रशर या ईंट भट्ठा चलता हुआ पाया गया तो उसे तुरंत सील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अरावली की पहाड़ियों में अगर किसी भी तरह का अवैध निर्माण हो रहा है तो उसे रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। जिले में कहीं भी अवैध खनन नहीं होना चाहिए। दोषी व्यक्ति को सिर्फ जुर्माना लगाकर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर निर्माण सामग्री ले जा रहे ओवरलोड वाहन पकड़े जाते हैं तो उस सामग्री की नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जाए। अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) हितेश कुमार ने कहा कि एक साल पहले प्रशासन की ओर से रायसीना पहाड़ी क्षेत्र में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई थी। इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। जिला खनन अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि स्टोन क्रशर संचालक पीसने के लिए राजस्थान या जिले के बाहर नारनौल, दादरी आदि से पत्थर मंगवाते हैं, उन्हें यहां पहाड़ में खुदाई करने की अनुमति नहीं है।