मुस्लिम व्यापारियों को भागने के लिए मजबूर करती हैं 'आर्थिक बहिष्कार', धमकियां
हरियाणा | हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम जिलों में सांप्रदायिक हिंसा के एक हफ्ते बाद मुस्लिम व्यापारी दहशत में हैं। दरअसल, एक हिंदू संगठन द्वारा गुरुग्राम के तिगरा गांव में आयोजित एक महापंचायत में इनके 'आर्थिक बहिष्कार' की घोषणा की गई है।एक साल पहले इमरान (नाम बदला हुआ है) ने गुरुग्राम के राजीव नगर इलाके में अपनी मीट की दुकान खोली थी। जब इमरान अपनी दुकान पर थे तब उन्होंने 31 जुलाई को वीएचपी द्वारा आयोजित जुलूस के दौरान नूंह में हुए दंगों के बारे में सुना।
इमरान ने कहा कि मुझे लगा कि मामला नूंह में ही सुलझ जाएगा, लेकिन बाद में यह गुरुग्राम के विभिन्न हिस्सों में फैल गया। जैसे ही गुरुग्राम में हिंसा की खबर फैली, राजीव नगर इलाके में मेरे सहित लगभग छह मुस्लिम व्यापारियों ने स्थिति का आकलन करने के लिए दुकानें नहीं खोली।इमरान ने कहा कि वह वीकेंड में अपनी दुकान फिर से खोलने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, रविवार को तिगरा गांव में एक हिंदू समूह के सदस्यों द्वारा आयोजित महापंचायत के दौरान की गई घोषणा इमरान के लिए एक झटका है।
बैठक के दौरान मुस्लिमों द्वारा संचालित व्यवसायों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है। इमरान ने कहा है कि यह ऐलान एक चौंकाना है क्योंकि मैं उनका अगला निशाना हो सकता हूं। इमरान ने कहा कि उनके साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ।नवरात्रि के दौरान, मुस्लिम व्यापारियों ने किसी भी घटना से बचने के लिए नौ दिनों के लिए अपनी दुकानें बंद कर दीं और अपने मूल स्थानों पर लौट गए। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू समूह हमें गाली दे सकते हैं, पीट सकते हैं, धमका सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं... जबकि पुलिस और सरकार चुप रहती है।
इमरान ने कहा कि दुकान बंद रहने से उन्हें प्रतिदिन 1,400 रुपये का नुकसान हुआ। कुछ वर्ष पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, अलीगढ़ और सहारनपुर जैसे क्षेत्रों से मुस्लिम व्यापारी यहां आते थे।संजय ग्राम में एक अन्य मीट दुकान के मालिक इकबाल ने कहा कि जैसे ही हिंसा गुरुग्राम तक फैली, हमारी जान खतरे में आ गई। हमारी दुकानें बंद हो गई हैं। हमें मासिक किराया देना है। हम भोजन के लिए अपने जानने वालों से पैसे भी उधार ले रहे हैं। यह 'आर्थिक बहिष्कार' हमारे व्यापार को चौपट कर देगा।
गुरुग्राम में मुसलमानों के पास सैकड़ों दुकानें हैं, जिनमें कपड़े की दुकानें, सैलून, कबाड़ की दुकानें और बाइक मरम्मत की दुकानें शामिल हैं। वहीं अब्दुल ने कहा कि हम मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते हैं। हम प्रवासी श्रमिक हैं।उधर, एसीपी वरुण दहिया ने कहा है कि शहर में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए गुरुग्राम में पुलिस कर्मियों की उपस्थिति और गश्त बढ़ा दी गई है।