मानसून सत्र से दिखेगी ई-विधानसभा की झलक, हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही होगी पेपरलेस

हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही होगी पेपरलेस

Update: 2022-07-21 14:25 GMT
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में ई-विधानसभा (E Vidhansabha Haryana) की झलक देखने को मिलेगी. विधानसभा में विधायकों के सामने टैबलेट की स्क्रीन नजर आएगी. इसे अपनाने में शुरुआत में झिझक जरुर होगी लेकिन धीरे-धीरे प्रयास करेंगे तो इसमें पारंगत होंगे. उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा पर्यावरण के नाते से भी उपयोगी साबित होगी. यह व्यवस्था विधानसभा को पेपरलैस बनाएगी. इससे कागज की बचत होगी और पेड़ बचाए जा सकेंगे. मुख्यमंत्री गुरुवार को पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे.
ई-विधानसभा के लिए हरियाणा विधानसभा द्वारा बढ़ाया गया कदम मील का पत्थर साबित होगा. आज सारी दुनिया डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है. आज कंप्यूटर के युग ने जीवन को सरल कर दिया है. सभी विभागों में कंप्यूटर से कार्य हो रहा है. हमें नई पीढ़ी के साथ चलना है तो कंप्यूटर का इस्तेमाल करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनियाभर के एप्लीकेशन हमारे फोन में हैं. इसी तरह हमें ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को भी सीखना है. मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को जल्द ही विधानसभा का नया भवन भी मिलेगा. इस पर सहमति बन गई है, कागजी प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लिया जाएगा. नया भवन बनने के बाद हरियाणा विधानसभा का मौजूदा भवन भी रहेगा और दोनों भवनों में अपने तरीके से कामकाज किया जाएगा. विधानसभा के नए भवन की जरुरत महसूस की जा रही थी. भविष्य में विधायकों की संख्या बढ़ती है तो मौजूदा विधानसभा में सीटें बढ़ाने की भी जगह नहीं है. इसके चलते नई विधानसभा बनाने का फैसला लिया गया है.
दूसरे राज्यों की विधानसभा भी जुड़ेगी नीवा एप्लीकेशन से- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) के माध्यम से हम हरियाणा की विधानसभा ही नहीं बल्कि लोकसभा के साथ-साथ दूसरे राज्यों की विधानसभाओं के कामकाज को भी देख सकते हैं. इसके साथ ही दूसरी विधानसभाओं के कामकाज से तुलना भी कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा में पेश किए जाने वाले बिल, नोटिफिकेशन, प्रश्न-उत्तर आदि के बड़े-बड़े कागज के बंडल उठाकर लेकर जाते थे लेकिन अब ये सभी हमारे टैबलेट की स्क्रीन पर मौजूद होगा. उन्होंने जोर दिया कि ई-विधानसभा की कार्यप्रणाली को सभी विधायकों की सीट पर बैठाकर एक मॉक ई-सेशन के माध्यम से करवाया जाना चाहिए.
परिवार पहचान पत्र को अपना रहे दूसरे राज्य- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं व सुविधाओं को ऑनलाइन किया है. हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को लागू किया है. यह व्यवस्था देश-दुनिया में कहीं नहीं है. आधार बना रही यूआईडीएआई भी अब हरियाणा के परिवार पहचान पत्र की टीम से बैठक कर रही है. इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश ने भी परिवार पहचान पत्र बनाए जाने का ऐलान कर दिया है. पीपीपी से परिवार की क्षमता का पता चलता है और सरकार आय वर्ग को ध्यान में रखकर अंत्योदय के भाव से कार्य कर सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम (डीबीटी) के तहत पहले चेक से राशि दी जाती थी लेकिन अब आरटीजीएस के माध्यम से पैसे भेजे जाते हैं. सिस्टम को ऑनलाइन करने से गलत तरीके से लाभ लेने वालों की पहचान हुई. इससे सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की बचत की है.
जमीनों का रिकॉर्ड भी डिजिटल- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब सरकार जमीनों के रिकॉर्ड को भी डिजिटल करेगी. आज हालात ये हैं कि न्यायालय में सबसे अधिक मामले जमीनों से जुड़े चल रहे हैं. जमीने की धोखाधड़ी के केस सामने आते हैं. जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा, चाहे वह कोई भवन, खेती या अन्य जमीन हो. ऐसा करने से सभी को लाभ मिलेगा. जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल तैयार होने से गड़बड़ी भी बंद होगी.
देश की 5वीं विधानसभा होगी डिजिटल- हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि विधानसभाओं का पूरा सिस्टम डिजिटल और पेपरलेस किया जाए. हरियाणा विधानसभा ने इसी दिशा में कदम बढ़ाया है. इसके लिए 60 प्रतिशत खर्च हरियाणा सरकार करेगी जबकि 40 प्रतिशत खर्च संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बहुत सी विधानसभाएं डिजिटल हो चुकी हैं. इनमें हिमाचल प्रदेश, नागालैंड और उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद शामिल हैं. हमारा प्रयास है कि हम भी इसमें पीछे न रहें.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हरियाणा देश की 5वीं विधानसभा बने जो पूरी तरह डिजिटल हो. विधायकों की मदद के लिए हरियाणा विधानसभा में ई-सेवा केंद्र स्थापित किया गया है. जहां कर्मचारी और अधिकारी भी ई-विधानसभा के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं. उन्होंने सभी विधायकों से समय निकालकर यह ट्रेनिंग लेने की गुजारिश की. ई-विधानसभा में पुराने रिकॉर्ड को भी डिजिटल किया जाएगा. दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान मॉक सेशन भी होंगे ताकि विधायकों की कोई समस्या है तो उसे दूर किया जा सके. उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा बनने से कार्य में काफी सुधार होगा.
ई-विधानसभा एक महत्वपूर्ण कार्य है. कई प्रदेश इस कार्य में बहुत आगे निकल गए हैं. हिमाचल, नागालैंड और गोवा की विधानसभा पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस हो चुकी हैं. इससे सिस्टम में काफी बदलाव आया है. विधानसभा के डिजिटल होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बल मिलेगा. कंवरपाल ने कहा कि इस कार्यशाला में विधायक जो सीखकर जाएंगे, उनका टेस्ट आगामी विधानसभा सत्र में होगा. ई-विधानसभा में निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा. कंवर पाल गुर्जर, संसदीय कार्यमंत्री
Tags:    

Similar News

-->