सरकार के इस फैसलेको लेकर प्रदेशभर की अनाज मण्डियां 10 सितम्बर को रहेंगी बंद

Update: 2022-09-07 12:52 GMT

फतेहाबाद न्यूज़: प्रदेश सरकार के इस सीजन से गैर न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) वाली फसलों की खरीद अब ई-ऑक्शन से करने को लेकर व्यापारियों में खासा विरोध है। इसी को लेकर प्रदेशभर की अनाज मण्डियां 10 सितम्बर को बंद रहेंगी। इस दौरान अनाज मण्डियों में कामकाज नहीं होगा और आढ़ती हड़ताल पर रहेंगे। सरकार के इस फैसले के विरोध में पूरे हरियाणा के आढ़ती लामबंद होने लगे हैं। फतेहाबाद में भी बुधवार को व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भादू के नेतृत्व में अनाज मण्डी में डोर टू डोर जाकर इस फैसले के विरूद्ध आढ़तियों का समर्थन जुटाया गया।

गैर एमएसपी वाली फसलों जैसे धान की विभिन्न वैरायटियों को बेचने के लिए इसका गेट पास ई-नेम पोर्टल से काटा जाएगा। अगर कोई व्यापारी ई-ऑक्शन के बिना मण्डियों में फसल की खरीद करता है तो इसे अवैध माना जाएगा और व्यापारी पर जुर्माना किया जाएगा। हरियाणा राज्य मार्केटिंग बोर्ड के प्रमुख प्रशासक ने मार्केट कमेटी व जिले के सभी डीएमईओ को पत्र लिखकर कहा है कि जो फसलें एमएसपी से बाहर हैं, उनकी खरीद अब केवल ई-नेम पोर्टल के माध्यम से होगी। प्रदेश में इससे पहले एमएसपी से बाहर वाली फसलों की खरीद मैनुअली तरीके से होती थी और इसी प्रकार गेट पास काट जाते थे। सरकार केवल एमएसपी पर पीआर किस्म के धान की ही खरीद करती है जबकि 1121, 1509, बासमती, मुच्छल आदि की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की जाती है।

अब सरकार का यह कहना है कि खरीददार व्यापारी ई-नेम के माध्यम से किसानों को उनके खाते में फसल की पैमेंट डाले, उसके बाद मण्डी से फसल का उठान होगा। अनाज मण्डी के व्यापारी इसके विरोध में है। फतेहाबाद अनाज मण्डी व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भादू ने कहा कि व्यापार मंडल सरकार के इस फैसले का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में व्यापार मंडल की एक मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें व्यापारियों द्वारा सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया गया। उन्होंने मांग रखी कि धान की खरीद पहले की तरह मैनुअली हो। उन्होंने शक जताया कि गैर एमएसपी वाली फसलों की खरीद को लेकर आढ़तियों को बाहर करने की तैयारी है, क्योंकि इससे खरीददार राईस शैलर किसानों को सीधे उनके खाते में पैसे भेजेंगे। इससे पूर्व किसानों को आढ़तियों के मार्फत पैसे दिए जाते थे। यानि कि पहले किसान आढ़ती के पास धान लेकर आता था। आढ़ती इस धान की राईस शैलर को भेजता था। ऐसे ही राईस शैलर आढ़ती को भुगतान करता था, जिसके बाद आढ़ती किसान को फसल का भुगतान करता था। सरकार अब आढ़ती की भूमिका खत्म कर राईस शैलर से किसान के खाते में पैसे डलवाना चाहती है इसलिए ई-नेम पर किसानों के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया गया है।

सरकार को आढ़तियों की मांगे माननी पड़ेगी : भादू

हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की 10 सितम्बर को गोहाना में होने वाली रैली को लेकर बुधवार को व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भादू के नेतृत्व में अनाज मण्डी में डोर टू डोर अभियान चलाया गया और व्यापारियों से इस रैली में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया गया। इससे पूर्व व्यापार मंडल की बैठक प्रधान जगदीश भादू की अध्यक्षता में हुई। भादू ने कहा कि गोहाना रैली व्यापारियों के आन्दोलन में एक मील का पत्थर साबित होगी और सरकार को उनकी मांगे माननी होगी। इस रैली में सरकार की व्यापारी विरोधी नीतियों का कड़ा विरोध भी किया जाएगा।

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