दिल्ली पुलिस को बाल देखरेख संस्थान से भागे दो बच्चे मिले, जानिए पूरी कहानी

Update: 2022-08-13 12:04 GMT

रेवाड़ी न्यूज़: करीब एक माह पूर्व सामान्य अस्पताल के निकट बने बाल देखरेख संस्थान से दीवार फांदकर फरार हुए दोनों बच्चे दिल्ली पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। दोनों पूरी तरह सुरक्षित बताए गए हैं। पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस इन बच्चों को रेवाड़ी पुलिस के हवाले करेगी। इस प्रक्रिया में कुछ दिनों का समय लग सकता है। दिल्ली पुलिस ने दोनों बच्चों की सकुशल बरामदगी की पुष्टि कर दी है।

संस्थान से 16 जुलाई की सुबह 14 वर्षीय व 9 वर्षीय बच्चे संस्थान की खिड़की से निकलकर दिवार फांदने के बाद फरार हो गए थे। इससे संस्थान प्रबंधन में हड़कंप मच गया था। बाद में रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों में यह बच्चे यह 3 बजकर 55 मिनट पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन की खिड़की में नजर आए, जिसके बाद दिल्ली आरपीएफ और दूसरे स्टेशनों पर बच्चों के फरार होने की सूचना दी गई। गोकल गेट पुलिस चौकी ने दोनों बच्चों की गुमशुदगी का केस दर्ज करने के बाद उनकी तलाश शुरू की थी। विभिन्न पुलिस थानों को बच्चों के गायब होने की सूचना भेजी थी। संस्थान में 31 बच्चे रह रहे थे। इनमें से एक 14 साल का झज्जर के एक गांव का रहने वाला है, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल का रहने वाले 9 वर्षीय बच्चा है। दोनों बच्चे पहले भी बाल संरक्षण गृहों से फरार होने का रिकार्ड बना चुके हैं। अब नॉथ-इस्ट दिल्ली पुलिस को दोनों बच्चे आवारा घूमते हुए मिले। आरंभिक पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने रेवाड़ी पुलिस से संपर्क करते हुए दोनों बच्चों के मिलने की बात कही। इसके बाद गोकल गेट पुलिस चौकी की ओर से बच्चों को लाने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार दिल्ली पुलिस की पूछताछ पूरी होने के बाद ही इन बच्चों को वहां से लाया जाएगा।

अंदर का सिंगर जागता है तो मुंबई भागता है: 14 वर्षीय बच्चा मुंबई के पाल घर से लेकर दिल्ली के बाल संरक्षण गृह तक से कई बार फरार हो चुका है। उसे 8 जुलाई को मुंबई के पाल घर से यहां भेजा था, ताकि वह अपने घर के पास ही रह सके। एक बार उसे महेंद्रगढ़ में रह रही उसकी बुआ के पास पहुंचा दिया गया था, जहां से वह पैसे लेकर फरार हो गया था। उसके भागने की आदत के कारण माता-पिता ने भी इस घटना की जानकारी दिए जाने के बाद कहा कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है। संस्थान के स्टाफ व दूसरे बच्चों ने बताया कि वह अक्सर कहता रहता था कि उसका सपना सिंगर बनना है। सिंगर बनने के लिए बार-बार मुंबई भाग जाता है, लेकिन उसे आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं मिल रहा।

कई ठिकाने बदल चुका सोहेल: दूसरा बच्चा भी बाल संरक्षण गृहों से भागने का आदि हो चुका है। वह करनाल, कैथल और जींद के बाल संरक्षण गृहों में भी रह चुका है। इस समय वह पंजाब से 22 जून को यहां भेजा था। उसकी उम्र 9 साल है, परंतु वह कच्ची उम्र में फरार होने का पूरा तजुर्बा हासिल कर चुका है। पुलिस ने दोनों बच्चों की तलाश करने के प्रयास किए, परंतु सफलता नहीं मिल सकी थी।

कराई जाएगी विशेष काउंसलिंग: जिला बाल कल्याण अधिकारी विरेंद्र यादव ने दोनों बच्चों के बरामद होने की पुष्टि करते हुए बताया कि इन बच्चों की बार-बार भागने की आदत से दूसरे बच्चों में गलत मैसेज जाता है। इस बार इन बच्चों की विशेषज्ञ से काउंसलिंग कराकर अच्छी तरह से समझाया जाएगा, ताकि आगे से वह ऐसा कदम नहीं उठाएं। फिलहाल बच्चों के आने का इंतजार किया जा रहा है।

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