रेवाड़ी न्यूज़: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक महीने में निगम के तीसरे कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. आरोपी एक व्यक्ति से प्रॉपर्टी आईडी में नया नाम चढ़ाने के बदले चार हजार रुपये मांग रहा था. उसकी पहचान पलवल निवासी संजीव के रूप में हुई है. वह निगम में क्लर्क के पद पर तैनात था.
जानकारी के अनुसार डबुआ कॉलोनी स्थित सी-ब्लॉक निवासी विनोद अहलावत पेशे से वकील हैं. वह सेक्टर 12 अदालत में वकालत कर रहे हैं. उन्होंने डबुआ कॉलोनी में ही वर्ष 2021 में एक मकान खरीदा था. इस मकान की प्रॉपर्टी आईडी में पत्नी मीनाक्षी का नाम चढ़वाना चाहते थे. अहलावत ने मकान से संबंधित कागजात की फाइल तैयार की. क्लर्क संजीव से संपर्क किया और आईडी में नाम परिवर्तन करने का अनुरोध किया. बताया जाता है कि आरोपी संजीव को पहले करीब एक सप्ताह तक वह उन्हें दौड़ता रहा. फिर सीधे तौर पर चार हजार रुपये रिश्वत मांगे.
पीड़ित ने बताया कि इससे वह परेशान हो गया. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना एसीबी को दी. सूचना मिलते ही एसीबी में तैनात इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह की अगुवाई में टीम गठित की. एचएसआईआईडीसी के एजीएम राजीव कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाकर रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई.
योजना के मुताबिक शिकायकर्ता पैसे लेकर एनआईटी जोन -3 कार्यालय में पैसे देने के लिए पहुंचा. उन्होंने जैसे ही पैसे क्लर्क संजीव को दिए, इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपी से रिश्वत की रकम भी बरामद की गई है.
आरोपी ने दी थी आईडी को डिलीट करने की धमकी पीड़ित ने शिकायत में बताया है कि उन्होंने पैसे देने से इंकार कर दिया और कहा कि उनके मकान के सारे कागजात सही हैं. इस पर संजीव ने एनडीसी पोर्टल से पुराने नाम की आईडी को डिलीट करने की धमकी दी. साथ ही कहा कि एक बार नाम डिलीट होने पर उसे जुड़वाने में तीन-चार महीने लगेंगे. इस दौरान धक्के खाने पड़ेंगे.