नेशनल बिल्डिंग कोड की अवहेलना वाले कोचिंग सेंटरों पर अब गिरेगी गाज

Update: 2022-07-22 12:36 GMT

रेवाड़ी न्यूज़: नेशनल बिल्डिंग कोड की अवहेलना करते हुए बहुमंजिला इमारतों में चल रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार अधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग की ओर से रेवाड़ी के डीसी को पत्र लिखकर ऐसे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ 42 दिन में कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। रेवाड़ी की ब्रास मार्केट में 10 जून को एक लाइब्रेरी में हुई आगजनी की घटना के बाद यह कार्रवाई की गई है। लाइब्रेरी में आग शाम के समय लगी थी, जिसे फायर ब्रिगेड की दो गाडि़यों ने काबू किया था। लाइब्रेरी में अध्ययन कर रहे बच्चों को आसपास के दुकानदारों ने सीढ़ियां लगाकर निकाला था। दुकानदारों की तत्परता के चलते बड़ा हादसा होने से टल गया था। समाजसेवी प्रकाश खरखड़ा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत देकर ऐसे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जो नेशनल बिल्डिंग कोड की पालना नहीं करने वाली बिल्डिंगों में चल रहे हैं। उन्होंने पत्र में वर्ष 2019 में गुजरात के सूरत में हुए उस हादसे का हवाला दिया था, जिसमें कोचिंग सेंटर में लगी आग से 19 छात्रों की मौत हो गई थी। प्रकाश खरखड़ा ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र भी किया है कि कोचिंग सेंटरों में आने वाले बच्चे अपने वाहनों को पार्किंग के अभाव में बिजली ट्रांसफार्मरों के आसपास खड़ा करते हैं। इससे आगजनी की आशंका और ज्यादा बढ़ जाती है।

नहीं हो रही नियमों की पालना: ब्रास मार्केट में एक ही बिल्डिंग में तीन से पांच तक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। इन सेंटरों में आगजनी पर काबू पाने के पुख्ता प्रबंध नहीं है। किसी भी फायर सेंटर संचालक ने फायर ब्रिगेड से एनओसी नहीं ली हुई है। आगजनी के बाद फायर ब्रिगेड की ओर से ऐसे सेंटरों और बिल्डिंगों के खिलाफ नोटिस देकर कार्रवाई करने की बात कही गई थी, परंतु मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इन बिल्डिंगों में आपात स्थिति में वैकल्पिक निकास की व्यवस्था भी नहीं है। अब आयोग की तरफ से डीसी को पत्र लिखकर ऐसे सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

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