उद्योगों को बिजली कनेक्शन के लिए सीएलयू जरूरी नहीं

Update: 2023-06-03 08:38 GMT

हिसार न्यूज़: दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम कृषि भूमि पर औद्योगिक बिजली कनेक्शन के लिए आवेदक से सीएलयू(चेंज ऑफ लैंड यूज) या एनओसी(नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) नहीं मांगेगा, बल्कि डीटीसीपी(डिस्ट्रिक्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) को पत्र भेजकर 15 दिन के अंदर आपत्ति बताने के लिए कहेगा. डीटीसीपी की ओर से आपत्ति न आने पर बिजली निगम कनेक्शन जारी कर देगा.

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम प्रबंधन ने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले लोगों को रही परेशानी के मद्देनजर यह निर्णय लिया है. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मुख्य अभियंता ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को पत्र लिखकर आदेश पर अमल करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

कृषि भूमि पर औद्योगिक बिजली कनेक्शन के लिए बिजली निगम ने सीएलयू और एनओसी को लेकर पिछले कुछ सालों में कई निर्णय लिए हैं. डीटीसीपी से जारी सीएलयू या एनओसी आवेदन के वक्त ही मांगी जा रही थी. इस वजह से आवेदक डीटीसीपी को किए गए आवेदन की कॉपी लगा देते थे.

इस आदेश के बाद से दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम और जिला नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग के बीच सामंजस्य रहेगा. इससे बिजली कनेक्शन जारी करने में स्पष्टता रहेगी. बिजली कनेक्शन में भी तेजी आएगी.

-नीरज दलाल, कार्यकारी अभियंता, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम

आवेदकों को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर

सीएलयू और एनओसी की प्रक्रिया में लंबा समय लगता है. इस वजह से आवेदक डीटीसीपी विभाग के चक्कर लगाते रहते थे. बिजली उपभोक्ताओं को रही रही परेशानी के मद्देनजर बिजली निगम प्रबंधन की इस मुद्दे पर बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि अब कृषि भूमि पर बिजली कनेक्शन के आवेदन के वक्त सीएलयू और एनओसी को लेकर सख्ती नहीं की जाएगी. इससे बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.

उद्यमियों को राहत मिलेगी

कृषि भूमि पर फैक्टरी लगाने वाले उद्यमियों को इस प्रक्रिया से लाभ मिलेगा. उद्यमियों को अब डीटीसीपी विभाग के चक्कर लगाने से निजात मिलेगी. वहीं डीटीसीपी विभाग को भी कनेक्शन जारी होने के बारे में बिजली निगम की ओर से जानकारी मिलेगी. इससे दोनों विभागों में तालमेल बनेगा. अब आवेदन के बाद विभाग की ओर से डीटीसीपी या किसी अन्य संबंधित विभाग से 15 दिन के अंदर आपत्ति दर्ज करवाने के लिए कहा जाएगा. इस प्रक्रिया से बिजली कनेक्शन में तेजी आएगी. प्रक्रिया में बदलाव से उद्यमियों को इस भूमि पर फैक्टरी लगाने में परेशानी नहीं होगी.

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