मुख्य सचिव कार्यालय ने खर्च का ब्योरा किया तलब, बड़ी मछलियों पर घमासान
बड़ी मछलियों पर घमासान
फरीदाबाद नगर निगम घोटाला बड़े अफसरों के गले की फांस बनता जा रहा है। आईएएस अधिकारियों से पूछताछ के लिए विजिलेंस लगातार प्रयास कर रही है लेकिन सरकार में आईएएस अधिकारियों की पैठ के चलते द्वंद छिड़ गया है। ऐसे में मुख्य सचिव कार्यालय ने विजिलेंस को पूछताछ की अनुमति देने से पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग से खर्च का ब्योरा मांगा है। जिन अधिकारियों पर अंगूली उठ रही है उन्होंने मौखिक तौर पर कहा है कि जो काम चल रहा था उसका भुगतान उनके हस्ताक्षर से हुआ है।
अब मुख्य सचिव कार्यालय ने पूछा है कि किस अधिकारी की कलम से कितनी रकम जारी हुई। यह जानकारी मिलने के बाद विजिलेंस को इस मामले में आईएएस अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति दी जाएगी। करीब 200 करोड़ के इस घोटाले में अब तक चार से पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा इस मामले में घोटालेबाजों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
विजिलेंस इस मामले में यह जांच कर रही है कि बिना काम के रकम कैसे जारी कर दी गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने सत्यापन क्यों नहीं किया। विधायक नीरज शर्मा ने कहा है कि सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ने से काम नहीं चलेगा। इस मामले में संलिप्त बड़े अधिकारियों की धरपकड़ की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार से विजिलेंस ने नियम-17 ए के तहत ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। अब सरकार जल्द इस मामले में विजिलेंस को अधिकार दे, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
विधानसभा में मामला उठने के बाद तेजी से हुई कार्रवाई
विधानसभा के बीते बजट सत्र में घोटाले पर खूब हंगामा हुआ था। विधायक नीरज शर्मा ने दो आईएएस अधिकारियों के नाम तक विधानसभा सदन में लिए थे। विधानसभा में मामला उठने के बाद घोटाले में संलिप्त अफसरों पर कार्रवाई तेज हुई है। विधायक नीरज शर्मा ने बजट सत्र में यह कहते हुए सिले वस्त्र शरीर से त्याग दिए थे कि जब तक आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, वह वस्त्र धारण नहीं करेंगे। कुछ अफसरों के सलाखों के पीछे पहुचंने के बाद उन्होंने बीते दिनों ही वस्त्र धारण किए हैं।