निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के लिए बाध्य किया

Update: 2023-04-06 12:45 GMT

रेवाड़ी न्यूज़: नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों द्वारा एनसीईआरटी किताबों की जगह प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें लिए जाने पर अभिभावकों को बाध्य किए जाने पर हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने नाराजगी जाहिर की है.

हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व मंच के लीगल एडवाइजर एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा कि मंच की ओर से 10 दिन पहले 23 मार्च को स्कूलों की मनमानी की जांच करने के लिए बनाई गई फीस एंड फंड्स रेगुलेटरी कमेटी (एफएफआरसी) के चेयरमैन कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद व जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की गई थी कि सभी प्राइवेट स्कूल संचालक अपने स्कूल के अंदर खुली दुकान व बाहर बताई गई दुकान से एनसीईआरटी किताबों की जगह कमीशन खाने के चक्कर में मोटी और महंगी प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें बेचकर मोटा कमीशन कमा रहे हैं. इस पर तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए. लेकिन कोई तुरंत कार्रवाई नहीं की गई.

मंच का कहना है कि अब जब अधिकांश पेरेंट्स ने महंगी किताब कॉपी के सेट खरीद लिए हैं और वे पूरी तरह से लूट व मनमानी के शिकार हो चुके हैं तब यह खानापूर्ति के लिए छापेमारी की गई है. मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा ने कहा कि मंच के पत्र में लिखा था कि स्कूलों के अंदर व बाहर खुली उनकी दुकानों से महंगी और गैरजरूरी प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें बेची जा रही हैं. जिनसे 40 से 50 कमीशन स्कूल वाले कमा रहे हैं. जब कि नियम है कि सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही लगाई जाएं. इसके अलावा सीएम फ्लाइंग को आदेश दिया जाए कि वह सभी स्कूलों, खासकर सीबीएससी के नामी-गिरामी स्कूलों में जाकर हर क्लास के बच्चों के बस्तों की जांच करे. जांच के बाद अगर बस्ते में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें मिलें तो दोषी स्कूल पर कठोर कार्रवाई की जाए.

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