चंडीगढ़। हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपनी आंख में दिक्कत के चलते विश्राम के लिए आजकल मंसूरी के शिवालिक हिल्स में रुके हुए हैं। पीजीआई के डॉक्टर के द्वारा अनिल विज को सलाह दी गई थी कि वह कंप्लीट रेस्ट करें। अनिल विज स्वास्थ्य कर्म के कारण पिछले कई दिनों से लगातार अपने घर विश्राम कर रहे थे, लेकिन उनके घर पर भी उनके समर्थकों और अपनी फरियाद लेकर आने वाले लोगों का ताता लगा रहता था। बीच में अनिल विज दो-तीन बार हरियाणा सचिवालय भी आए तथा कई जरूरी व महत्व पूर्ण फाइलें भी उन्होंने निकाली। अनिल विज के शुभ चिंतक भी चाहते हैं कि वह आंख के मामले में कोई भी लापरवाही ना करें तथा जल्दी पूर्ण स्वस्थ हो जाए।अनिल विज ने स्वास्थ्य की चुनोतियो की कभी परवाह नही की।
डायबीटिक पेशेंट होने के बावजूद भी करोना की दोनों लहरों में लगातार हरियाणा सचिवालय नियमित रूप से आते रहे तथा करोना को लेकर अधिकारियों से समय-समय पर मंथन भी करते रहे।अनिल विज अगर अम्बाला में अपने निवास पर भी होते हैं तो स्वभाव वश अगर कोई उनके दरवाजे पर मिलने आता है उसे बिना मिले नही भेजते। हरियाणा के लोगों की यह धारणा बन चुकी है कि अगर अनिल विज के पास अपनी समस्या या पीड़ा को लेकर पहुंच जाएंगे तो वहां पर उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। यही कारण है कि अनिल विज के द्वारा लगाए जाने वाले जनता दरबार कई बार मध्य रात्रि 2:00 बजे तक चलते रहे। उम्मीद व विश्वास को लेकर आने वाले लोगों को अनिल विज ने कभी भी निराश नहीं लौटाया है। अनिल विज को यह गॉड गिफ्ट है कि उनके पास आने वाला शिकायत करता किस मंशा को लेकर आया है, उसके चेहरे से भांप लेते हैं।
अनिल विज भले ही सखत फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं लेकिन कर्तव्य निश्चिठ कर्मचारी और अधिकारियों के लिए उनकी पैरवी करने में भी वह संकोच नहीं करते।यही कारण है कि अनिल विज के पास हरियाणा सचिवालय के अधिकांश कर्मचारियों के संगठन अपने किसी भी समस्या तथा पीड़ा को लेकर कभी भी पहुंच जाते हैं। अनिल विज के लिए कोविड काल व्यक्तिगत रूप से किन्हीं भारी चुनौतियों से कम नहीं रहा। वह 9 जून 2020 को अम्बाला अपने घर बॉथरूम में स्लिप हो गए व उन्हें गंभीर चोटें आई थी। आईसीयू में थाई की सर्जरी के बाद डॉक्टरों की सुपरविजन में उपचाराधीन अनिल विज की 10 जून 2020 को सर्जरी हुई थी। अनिल विज की सर्जरी के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था क्योंकि वह डायबिटीज व बीपी के पेशेंट हैं।
इनकी छुट्टी 25 जून को हुई थी। तब 35 दिनों के बाद विज ने हरियाणा सचिवालय पहुंच मोर्चा संभाला लिया था। इस दौरान अस्पताल व घर से मोबाइल, लैपटॉप, या वीसी से जहां वह काम संभालते रहे। वहीं अपने निजी स्टाफ के माध्यम से फाइल्स मंगवा निकालते भी रहे।20 नवंबर 2020 को अनिल विज ने कोरोना की वैक्सीन 'कोवाक्सीन' की पहली डोज ली थी। 5 दिसंबर 2020 को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वे वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। आक्सीजन सिलेंडर की सपोर्ट से इन्होंने लगभग 2 माह बाद हरियाणा सचिवालय आना शुरू कर दिया था। कोविड की मॉनिटरिंग ,जरूरी मीटिंग्स, दिशा निर्दश उस दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग से चलते रहे। इसी बीच जनवरी में कोरोना वैक्सीन आने की खबरों के बीच अनिल विज मेदांता में कोरोना पॉजिटिव होने के चलते एडमिट हुए, वह जनवरी में आने वाली वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर आला अधिकारियों से लगातार जानकारियां ले उन्हें दिशा निर्देश देते रहे।