किसानों को सलाह: भूमि की सेहत बनाए रखने के लिए ग्वार को फसल चक्र में रखें

Update: 2022-06-20 09:04 GMT

हरयाणा न्यूज़: गांव दाढीबाना में सेवानिवृत कृषि अधिकारी डा. राजेन्द्र कौशिक द्वारा ग्वार विषेशज्ञ डॉ. बीडी यादव ने किसानों को फसल उत्पादन व संरक्षण के टिप्स दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. जिले सिंह द्वारा की गई। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसी भी फसल की बिजाई से पहले अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच करवाएं तथा खाद का उपयोग मिट्टी की जांच के आधार पर करें। मिट्टी जांच से यह पता चलता है किस जमीन में किस पोषक तत्व की कमी है। ग्वार विषेषज्ञ डा. बीडी यादव ने किसानों को बताया ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है। खरीफ फसलों में यह एक मुख्य फसल जानी जाती है। यह सूखे को सहन करने में काफी क्षमता रखती है।

गोष्ठी में आगे बोलते हुए डॉ. यादव ने कहा अब कुछ वर्षों से बीटी नरमा के अच्छे भाव होने के कारण नरमा का क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया काफी ऐसे किसान हैं जो फसल चक्रमें बीटी नरमा के बाद नरमा ही ले रहे है जिससे भूमि की उपजाउ शक्ति घटती जा रही है तथा भूमि में पोषक तत्व की कमी होती जा रही है। इस कारण बीटी नरमा, गेहूं व सरसों की पैदावार में कमी देखने को मिल रही है।

ग्वार विषेषज्ञ ने किसानों से आग्रह किया कि जमीन की सेहत हो सुधारने के लिए ग्वार को फसल चक्र में अवश्य रखें। डा. बीडी यादव ने कहा ग्वार एक दलहनी फसल होने के नाते वायुमंडल से नाइट्रोजन लेकर पौधें को देती है। ग्वार फसल पकने पर इसके पत्ते झडकर जमीन पर गिरकर जैविक खाद को काम करते हैं। ग्वार-नरमा के फसल चक्र को अपनाने पर इन फसलों की पैदावार अच्छी मिलती है तथा इससे जमीन की उरर्वा शक्ति भी बनी रहती है। इस अवसर पर प्रश्नोतरी सभा का आयोजन किया गयाा जिसमें पांच किसानों को प्रश्न पूछने पर सही जबाव देने पर इनाम भी दिए गए।

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