स्मार्ट सिटी में शिक्षकों के 1469 पद खाली

Update: 2023-07-07 11:36 GMT

फरीदाबाद न्यूज़: जिले में एक तरफ विभाग शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए नए प्रयोग कर रहा है वहीं दूसरी तरफ जिले में शिक्षकों के खाली पद दूसरी कहानी बयान कर रहे हैं. पूरे फरीदाबाद मंडल में शिक्षकों की तैनाती की संख्या बेहतर नहीं है. पलवल, फरीदाबाद में जहां 30 फीसदी से अधिक पद खाली हैं वहीं नूंह में इसका स्तर 50 फीसदी तक पहुंच जाता है.

बीते वर्ष हरियाणा बोर्ड के परीक्षा परिणामों में तीनों जिले प्रदेश में आखिरी तीन स्थानों पर थे. तीनों जिलों को क्रमश 22, 21 और 20 वां स्थान प्राप्त हुआ था. जिसके बाद से अलग-अलग स्तरों पर मंडल का परीक्षा परिणाम चर्चा का विषय बना रहा. शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों से कार्यरत शिक्षकों और रिक्त पदों की संख्या को लेकर जानकारी तलब की थी. इस दौरान एमआईएस पोर्टल में दाखिल रिपोर्ट में सामने आया कि स्मार्ट सिटी के फरीदाबाद, और बल्लभगढ़ खंड में कुल 4951 पद प्रस्तावित हैं. जिसमें से फरीदाबाद खंड में 1743 नियमित शिक्षक तैनात हैं वहीं बल्लभखंड में 1081 नियमित शिक्षक तैनात हैं. जबकि दोनों खंड में कुल 658 अतिथि शिक्षकों को भी तैनाती दी गई है. इसके बावजूद कुल शिक्षकों के प्रस्तावित पदों में 1469 पद रिक्त हैं.

नूंह में स्थिति सबसे खराब

नूंह जिले में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक पद प्रस्तावित हैं. जिले में 9408 पद सरकार द्वारा बनाए गए हैं लेकिन जिले में करीब 4353 पद रिक्त पड़े हुए हैं. जबकि प्रदेश में सबसे अधिक अतिथि शिक्षक संख्या 1136 जिले में मौजूद है. जिले में केवल 3859 नियमित शिक्षक कार्यरत हैं. जिले में नूंह, तावडू, पुन्हाना, नगीना और फिरोजपुर झिरका पांच खंड हैं. जिनमें पुन्हाना खंड में सर्वाधिक 1462 पद रिक्त हैं.

खंड कुल प्रस्तावित नियमित शिक्षक अतिथि शिक्षक रिक्त पद

फरीदाबाद 2916 1743 658 796

बल्लभगढ़ 2035 1081 281 673

● पलवल

खंड कुल प्रस्तावित नियमित शिक्षक अतिथि शिक्षक रिक्त पद

पलवल 1805 1126 297 382

होडल 841 495 153 193

हथीन 1816 738 235 843

हसनपुर 600 252 131 217

(इसके अलावा अन्य जगह पर भी इसी प्रकार की स्थिति बनी है)

जिले में जेबीटी, टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए. यदि इस बार भी देरी होती है तो परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है. इसके अलावा कार्यरत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए.

-कैलाश शर्मा, अभिभावक एकता मंच

शिक्षकों की संख्या स्कूलों में कम है इसके बावजूद शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यों में भी लगाया जाता है. कई बार विभाग से इस संबंध में शिकायत की गई है लेकिन अब तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है.

-चतर सिंह, प्राथमिक शिक्षक संघ

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