गांव में 10 साल के बच्चे की गोली लगने से मौत, मौके पर पहुंची पुलिस, मामले की जांच शुरू

अमूमन 16 वर्ष तक बच्चों की खेलने-कूदने की उम्र होती है

Update: 2022-01-21 10:50 GMT
नूंह: अमूमन 16 वर्ष तक बच्चों की खेलने-कूदने की उम्र होती है. इसी उम्र में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है. साथ ही बच्चों में नई-नई चीजों को लेकर उन्हें इस्तेमाल करने का चाव होता है, लेकिन कभी कभी नई चीजों का अनुभव करना बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो जाता है. गुरुवार को नूंह से एक ऐसी ही खबर सामने आई है. जिसे सुनकर सभी पूरी तरह से स्तब्ध हैं. नूंह में महज 10 साल के बच्चे की गोली लगने से मौत (Boy shot dead in Nuh) हो गई.दरअसल ये घटना नूंह के पिनगवां थाना क्षेत्र अंतर्गत मामलीका गांव की है. जहां 10 साल के बच्चे की गोली लगने से मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय बच्चे के माता-पिता घर पर मौजूद नहीं थे. बच्चे के पिता आसर और माता नाजरीन किसी काम से नूंह गए हुए थे. इसी दौरान पूरा हादसा हो गया. वहीं हादसे की सूचना मिलते ही पूरे गांव में सनसनी फैल गई.
बता दें कि ये घटना गुरुवार की है. जिसके बाद पुलिस ने गुरुवार को ही मामलीका गांव से बच्चे के शव को अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा की मोर्चरी में रखवा दिया था.
मामले में शिकायत नहीं मिलने के कारण पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था और इसी वजह से गुरुवार को पंचनामा नहीं हो पाया था. हालांकि पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर देसी तमंचे को कब्जे में ले लिया है. साथ ही पुलिस ने मामले में कार्रवाई में जुट गई है. पुलिस की मानेंं तो जांच के बाद ही पूरे प्रकरण का खुलासा हो पाएगा.
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