गुरुग्राम। कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह के कुल 10 शार्पशूटरों को गुरुग्राम में दो अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच की इकाइयों ने बुधवार को भोंडसी और देवीलाल स्टेडियम के पास एक अन्य स्थान से इनपुट्स के आधार पर शूटरों को गिरफ्तार किया है।
टीम ने उनके कब्जे से कुल चार विदेशी पिस्तौल, 28 जिंदा कारतूस, 1 स्कॉर्पियो, 1 होंडा सिटी, सात पुलिस यूनिफॉर्म और अन्य सामान जब्त किया है। जांच में सामने आया है कि होंडा सिटी कार दिल्ली से चोरी हुई थी। एसीपी वरुण दहिया ने संवाददाताओं को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सात शूटरों कुमार उर्फ अनिल, हरजोत सिंह, अजय ईशरवालिया उर्फ पंजाबी, प्रिंस उर्फ गोलू, जोगिंदर उर्फ जोगा, संदीप उर्फ दीप और सिंदरपाल उर्फ बिट्टू को गुरुग्राम के भोंडसी इलाके से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ के बाद, उनके तीन अन्य साथी धर्मेंद्र उर्फ धर्म, दीपक उर्फ दिलावर और भरत को भी गुरुग्राम में देवीलाल स्टेडियम के पास एक जगह से अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया।
जांच में पता चला है कि ये सभी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह के सक्रिय शूटर हैं। यह सभी डकैती और अपहरण की एक बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए गुरुग्राम आए थे। अपनी योजना के तहत जोगिंदर को एक पुलिस इंस्पेक्टर के रूप में भेष बदलना था, जबकि अन्य सदस्यों को पुलिस की वर्दी पहननी थी, जिसके बाद उन्हें अपराध की वारदात को अंजाम देना था।
एसीपी दहिया ने कहा कि वे एक व्यक्ति का अपहरण करने और फिरौती के रूप में करोड़ों रुपये निकालने की योजना बना रहे थे। हालांकि, इससे पहले कि वे कुछ कर पाते, उन्हें पकड़ लिया गया। गिरफ्तारी के समय सात आरोपी पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। वे गोल्डी बराड़ और अन्य लोगों के लगातार संपर्क में थे।
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति भिवानी, पंचकुला, सिरसा, अंबाला, गुरुग्राम सहित मोहाली (पंजाब), राजस्थान सहित हरियाणा के विभिन्न जिलों में डकैती, धमकी देना, अवैध हथियार रखना, हत्या के प्रयास, चोरी, हमले के 26 से अधिक मामलों में शामिल थे।
एसीपी दहिया से पत्रकारों ने पूछा कि क्या आरोपी गायक-राजनेता सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में शामिल थे। इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि हत्या में उनके साथी शामिल थे, और जांच के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट हो जाएगी। आरोपियों को आगे की कार्यवाही के लिए अदालत में पेश करने के बाद रिमांड पर पुलिस हिरासत में ले लिया जाएगा।