गुजरात के 'नटवरलाल' से जुड़े चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी के तार, चीन में एमबीबीएस कर रची भारत से खिलवाड़ की साजिश

देश में बिना वीजा के चीन के नागरिकों के रहने और अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं।

Update: 2022-06-22 02:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में बिना वीजा के चीन के नागरिकों के रहने और अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस पूरे प्रकरण से आरोपियों के चीन से जुड़े लिंक पुलिस और जांच एजेंसियां खंगाल रही हैं।

अब पुलिस को पता चला है कि प्रकरण के सूत्रधार माने जा रहे गुजरात निवासी रवि ठक्कर उर्फ नटवरलाल ने चीन में रहकर बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) की थी। उसने चीन की भाषा भी वहीं सीखी थी। एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान रवि का कई संदिग्ध चीन के नागरिकों से संपर्क हुआ था। इससे आशंका जताई जा रही है कि आरोपी ने उस दौरान ही भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ की साजिश रची थी।
वहीं, जांच में जुटी पुलिस टीमों ने जानकारी दी है कि जिस दौरान घरबरा स्थित रिवेरिया गेस्ट हाउस पर दबिश दी गई। उस दौरान वहां बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर की लड़कियां और अन्य लोग मौजूद थे, लेकिन आरोपी दबिश की भनक लगते ही भाग निकले। केवल चार-पांच लड़कियां पुलिस को मिलीं, जिनसे पुलिस ने पूछताछ की। मौके से पुलिस को कई डायरियां और रजिस्टर मिले थे।
इसमें वहां आने वाले लोगों और लड़कियों की एंट्री की गई थी। एक डायरी से पुलिस को कुछ ऐसे सुराग मिले, जिससे पता चला कि यहां आने वाली लड़कियों को चीन के नागरिकों से बातचीत आदि के लिए पहले प्रशिक्षित किया जाता था। अधिकांश लड़कियां पूूर्वोत्तर की थीं जिन्हें प्रतिदिन 30 हजार रुपये तक का भुगतान किया जाता था। इन लड़कियों पर कोई केस अभी तक दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन ये जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
बीट सिपाही से थानेदार तक की भूमिका की होगी जांच
दो नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। इससे पहले घरबरा के गेस्ट हाउस और जेपी ग्रींस में आरोपी बिना वीजा के बेखौफ रहकर जिले में अवैध गतिविधियों में लिप्त रहे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। ऐसे में डीसीपी मीनाक्षी कात्यायन ने पूरे प्रकरण में ईकोटेक-1 और बीटा-2 थाना पुलिस के बीट सिपाही, हलका इंचार्ज और थानेदार की भूमिका की जांच बैठा दी है। जांच एडीसीपी विशाल पांडेय को सौंपी गई है।
इनके इर्दगिर्द घूम रही एजेंसियों की जांच
हवाला : पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि बिना वीजा के अवैध गतिविधियों में लिप्त होने के पीछे चीन के नागरिक, फरार आरोपी रवि व अन्य आरोपियों का आखिर मकसद क्या था। आरोपियों ने फर्जी कंपनियां क्यों बनाईं और खातों में मोटी रकम का लेनदेन क्यों हुआ। पूूरी आशंका है कि आरोपी हवाला के जरिये अवैध धन का हस्तांतरण करते थे। आरोपियों के खाते मेें बिटकॉइन के जरिये भी रुपये भेजे जाते थे।
आयात शुल्क फर्जीवाड़ा
आयात शुल्क का फर्जीवाड़ा करना भी आरोपियों का मकसद हो सकता है। पूरी आशंका है कि आरोपी चीन से उपकरण लाकर आयात शुल्क चोरी कर भारत में बिक्री का बड़ा अवैध कारोबार कर रहे हों, क्योंकि चीन से आयात किए जाने वाले सामान पर मोटा शुल्क देना पड़ता है। ये शुल्क बचाने और भारत के नागरिकों से जुड़कर इन्हें बेचने के लिए आरोपियों ने सारी रूपरेखा योजनाबद्ध ढंग से तैयार की हो।
हनीट्रैप और जासूसी
पुलिस को इस बात की भी आशंका है कि आरोपी चीन के जासूस हो सकते हैं और भारत में बचने व यहां के नागरिकों से पहचान बनाने के लिए ये पूरा प्लान संचालित कर रहे हों। इसके लिए आरोपियों का मकसद पूूर्वोत्तर की युवतियों को पहले घरबरा के गेस्ट हाउस में बुलाकर उनसे संपर्क बढ़ाना और फिर दोस्ती या शादी कर भारत की नागरिकता हासिल कर जासूसी करना हो सकता है, जो काफी घातक है।
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