गुजरात में बारिश के सीजन में बांट दिए रेनकोट की जगह स्वेटर, कामगार यूनियन ने उठाए कई सवाल

मानसून का सीजन आने को है. इस सीजन में सबसे ज्यादा काम और जिम्मेदारी नगर निमग के कर्मचारियों की बढ़ जाती है.

Update: 2022-06-14 04:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून का सीजन (Moonson) आने को है. इस सीजन में सबसे ज्यादा काम और जिम्मेदारी नगर निमग के कर्मचारियों की बढ़ जाती है. कर्मचारियों को इस सीजन में सबसे ज्यादा जरूरत रेनकोट की होती है, लेकिन क्या हो जब कर्मचारियों को बरसात के सीजन में रेनकोट की जगह स्वेटर बांटे जाए. गुजरात (Gujarat) के वराछा नगर पालिका में कुछ ऐसा ही हुआ है. ये महानगर पालिका स्वच्छता सर्वेक्षण में देशभर में दूसरे स्थान पर रही है. शहर को स्वच्छ रखने में वर्ग-4 के कर्मचारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है, लेकिन यहां इन्हीं कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है. बारिश के सीजन में वर्ग-4 के कर्मचारियों को रेनकोट की जगह स्वेटर देकर मजाक उड़ाया जा रहा है. इसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि जो स्वेटर दिया जा रहा है वो 2019-20 में दिया जाना था. जो अब बांटा जा रहा है.

सेंट्रल स्टोर की मनमानी के कारण नहीं बांटे गए स्वेटर
महानगर पालिका के सेंट्रल स्टोर की मनमानी के कारण कर्मचारियों को 2019-20 में स्वेटर नहीं मिल पाया था. दरअसल 2019 में सफाईकर्मी, बेलदार, चपरासी समेत वर्ग 4 के करीबन 2000 कर्मचारियों को 90 लाख से अधिक खर्च के स्वेटर देने की पूरी तैयारी थी, लेकिन सर्दी के तीन सीजन बीतने के बाद भी कर्मचारियों को स्वेटर नहीं दिया गया. अब मनपा प्रशासन कोरोना महामारी को इसका कारण बता रहा है.
इस कारण हुआ था विवाद
सूत्रों की माने तो मार्च 2019 में भर्ती हुए सफाई कर्मचारियों, प्रशिक्षार्थियों को कतारगाम समेत कई जोन में स्वेटर बांटे गए थे, पर वराछा-उधना में स्वेटर नहीं बांटे गए. इसी कारण विवाद पैदा हो गया. इसको लेकर कर्मचारियों के यूनियन में भी नाराजगी है. बता दें, तीन साल पहले सभी जोन के वर्ग-4 के कर्मचारियों की सूची मंगवाई गई थी, पर उन्हें स्वेटर नहीं दिए गए थे. अब उसी सूची के अनुसार कर्मचारियों में स्वेटर बांटे जा रहे हैं.
सेंट्रल स्टोर की मनमानी से कर्मचारी नाराज
जो स्वेटर अब दिए जा रहे हैं वो आज से तीन साल पहले 2019 में दिए जाने थे, लेकिन महानगर पालिका अब बांटे जा रहे स्वेटरों को इस साल की खरीद दिखाकर कर्मचारियों में बांट रहा है. वराछा-उधना जोन में सफाईकर्मियों को तीन साल पहले स्वेटर नहीं दिए गए थे, जबकि कतारगाम में बांटे गए थे. वराछा जोन में 2019 में भर्ती हुए नए सफाईकर्मियों को स्वेटर नहीं मिले हैं. सेंट्रल स्टोर की कार्यप्रणाली को लेकर कामगार यूनियन में भारी नाराजगी है.
सेटिंग करके पैसे खाए जा रहे हैं
वहीं कामगार यूनियन ने महानगर पालिका की कार्य़प्रणाली पर कई सवाल उठाए हैं. यूनियन का कहना है कि वर्ग 4 के कर्मचारियों को सर्दी में सुबह से देर शाम तक और कभी-कभी तो रात में भी ड्यूटी करनी पड़ती है. मनपा प्रशासन पिछले 3 साल से इन्हें स्वेटर भी नहीं दे रही है. मनपा प्रशासन पूरा नहीं कर पा रहा है तो कर्मचारियों के खाते में नकद जमा करवा दे. ठेकेदारों के साथ तीन साल की सेटिंग करके पैसे खाए जा रहे हैं.
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