सोमनाथ विधानसभा गुजरात की हॉट सीटों में है शुमार, इस सीट पर मजबूत है कांग्रेस की पकड़

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारी तेज कर दी है.

Update: 2022-07-01 06:37 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारी तेज कर दी है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पाटीदार समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ा था, इसके चलते भाजपा गुजरात में 100 का आंकड़ा भी पार ना कर सकी थी. फिर भी जीत में मिली 99 सीटें बहुमत से ज्यादा थीं. इसलिए सरकार बन गई लेकिन इस बार भाजपा ने डेढ़ सौ सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है. ऐसे में उन सीटों पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है जिन पर बीजेपी कई बार से हार रही है, सोमनाथ ऐसी ही विधानसभा क्षेत्र है, जिस पर लंबे समय से कांग्रेस की पकड़ मजबूत है, हालांकि इस बार माना जा रहा है कि इस सीट पर राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है, कांग्रेस, AAP के साथ-साथ भाजपा भी इस सीट को कब्जाने के लिए पूरा जोर लगा रही है.

सोमनाथ विधानसभा सीट का इतिहास
गुजरात सोमनाथ सोमनाथ जिला पहले जूनागढ़ में शामिल था. भगवान सोमनाथ के नाम पर इस जिले का नाम रखा गया है. इस जिले को सबसे अलग पहचान गिर के जंगल ने दी है, यह विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से जंगल और समुद्र से घिरा हुआ है. सोमनाथ जिले में वैसे चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं, इनमें उना ,सोमनाथ, कोडीनार और तलाला का नाम शामिल है. फिलहाल 2017 के चुनाव में इन सभी सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार BJP की पूरी कोशिश है कि इन हारी हुई सीटों पर जीत दर्ज की जाए. चुनावी इतिहास की बात करें तो इस सीट पर अब तक 13 बार चुनाव हुए हैं, इनमें से 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, सिर्फ दो बार बीजेपी को जीत मिली है जबकि तीन बार अन्य ने कब्जा जमाया है. पिछले चुनाव में भी यहां भाजपा प्रत्याशी की बड़े अंतर यानी की तकरीबन 20 हजार से अधिक मतों से हार हुई थी.
सोमनाथ सीट की भौगोलिक स्थिति
यह गुजरात के अरब सागर के तट पर स्थित जूनागढ़ का इलाका है. आजादी के बाद जूनागढ़ को पाकिस्तान के नक्शे में दिखाया गया था. सोमनाथ से जूनागढ़ की दूरी 90 किमी है,इस जिले में मत्स्य उद्योग, खेती, आम, नारियल के बाद और शुगर फैक्ट्री मुख्य व्यवसाय हैं. यहां पर पर्यटन से अच्छी कमाई होती है. इसके अलावा किसानों की समस्या भी यहां चुनाव का मुद्दा रहा है. यहां के किसान तूफान और मौसम की मार से अक्सर परेशान रहते हैं. यहां की वेरावल मछलियां देश-विदेश में विशेष प्रसिद्धि रखती हैं. वही यहां पर ही अंबुजा सीमेंट की फैक्ट्री है जिसे अब अंबानी ग्रुप ने खरीद लिया है. कुल मिलाकर कहा जाए यह जिला उद्योग धंधों की वजह से काफी समृद्ध है.
सोमनाथ विधानसभा सीट का मुख्य मुद्दा
2022 के विधानसभा चुनाव में सोमनाथ विधानसभा सीट का मुद्दा सुर्खियों में रहने वाला है. यहां भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग स्थापित है. यहां वेरावल और प्रभास पाटन की गंदगी सीधी समुद्र में छोड़ी जाती है इससे समुद्र तट और समुद्र का पानी काफी गंदा हो गया है. गंदगी की वजह से बदबू से काफी लोग परेशान हैं. इसके अलावा यहां पर कोली समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस समाज के मतदाताओं पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जाती है. इस क्षेत्र में दूसरी बड़ी आबादी मछुआरों की है और तीसरी मुस्लिम, तीनों ही बीजेपी की पकड़ से दूर हैं.
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