गुजरात में स्कूलें हुई शुरू, लेकिन पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली, छात्र परेशान
गुजरात स्कूलें हुई शुरू
राज्य में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूलों में छात्रों की भीड़ उमड़ रही है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि अभी तक 80 फीसदी पाठ्य पुस्तकें बाजार में नहीं पहुंची हैं। जिससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। छात्र तो स्कूल जाते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पढ़ाई क्या करें। वहीं 10वीं का रिजल्ट घोषित हुए 10 दिन हो गए हैं, लेकिन 10वीं की मार्कशीट नहीं मिलने से 11वीं साइंस में दाखिले की प्रक्रिया अटकी हुई है।
किताबों की कमी से अभिभावक स्टेशनरी की दुकानों पर धक्का खा रहे हैं। शहर के वेजलपुर इलाके के रहने वाले रमेशभाई प्रजापति पिछले कुछ दिनों से स्टेशनरी की दुकान पर आ रहे हैं। उनका बेटा कक्षा छह में पढ़ता है। पढ़ाई के लिए स्कूल से किताबें मंगवाई गई हैं लेकिन बाजार में किताबें नहीं हैं। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग को स्कूल शुरू करने से पहले बाजार में किताब की व्यवस्था करनी चाहिए। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। हर साल किताबों को लेकर यही समस्या पैदा होती है। इस बार नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही बाजारों में किताबों की भारी किल्लत है। स्टेशनरी की दुकानों पर 80 फीसदी किताबें नहीं मिलने की शिकायत है। एक तरफ नोटबुक की कीमतों में 25 फीसदी की तेजी आई है। वहीं इस साल भी कागज की कीमतों में इजाफा होने से नोटबुक के भाव में वृद्धि दर्ज की गई है। ऐेस में अभिभावकों को स्टेशनरी की दुकानों पर धक्का खाना पड़ रही है।
स्टेशनरी कारोबारियों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में जब स्कूल खुलने वाले हैं तो किताबों की कमी होना आम बात हो गई है। कक्षा 1 से 12 तक की पुस्तकें कहीं नहीं मिल रही हैं। अभिभावक तीन-तीन धक्का खा रहे हैं। अकेले कक्षा-12 कला में 15 विषय होते हैं। वर्तमान में हर स्तर की सभी पुस्तकें उपलब्ध रहे ऐसे स्थिति नहीं हैं। वर्तमान में 80 प्रतिशत पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। हम किताबें ऑर्डर कर रहे हैं लेकिन हमें आगे से नई-नई तारीखें मिल रही हैं। किताबें कब आएंगी, इसकी जानकारी हमें अभी नहीं है। गौरतलब है कि मात्र निजी विद्यालयों में ही नहीं सरकारी विद्यालयों में भी बच्चों के लिए किताबें नहीं पहुंचीं हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि छात्र पढ़ाई कैसे करेंगे। उम्मीद करते हैं कि सरकार जल्द ही व्यवस्था करेगी और बच्चों को किताबें मिलेंगी।