धार्मिक उन्माद को आरएसएस ने बताया बड़ी चुनौती, कहा- जबरन करवाया जा रहा कई राज्यों में धर्म परिवर्तन
शुक्रवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिनों की वार्षिक प्रतिनिधि सभा की बैठक गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में शुरू हो चुकी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शुक्रवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की तीन दिनों की वार्षिक प्रतिनिधि सभा की बैठक गुजरात (Gujarat) की राजधानी अहमदाबाद (Ahmedabad) में शुरू हो चुकी है. सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, आरएसएस प्रतिनिधि सभा की बैठक में पहले दिन 2021-22 की वार्षिक पेश की गई रिपोर्ट में धार्मिक उन्माद को देश सामने एक बड़ी समस्या और चुनौती बताया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे एक सोची समझी साजिश के तहत देश को बांटने और माहौल तार-तार करने की कोशिश कुछ खास वर्ग और समूह द्वारा की जा रही है.
केरल और कर्नाटक में हिन्दू संगठनों के लोगों के हालिया हुई हत्याओं का जिक्र करते हुए बताया गया है कि कैसे ये खतरा लगातार मंडरा रहा है. संघ के वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 में इस बात की चर्चा की गई है कि कैसे योजनाबद्ध तरीके से देशभर में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, और कर्नाटक सहित देशभर धर्मांतरण के कार्य योजनाबद्ध तरीके से चलाए जा रहे हैं.
हिंदुओं के धर्मांतरण को रोकने के लिए लगातार हो रहे काम
इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हिंदुओं के धर्मांतरण का विषय पुराना है लेकिन नए तरीकों से नए समूहों को टारगेट करने के बहुतेरे मामले सामने आए हैं. संघ की इस वार्षिक रिपोर्ट में इस बात पर थोडा संतोष जरूर व्यक्त किया गया है कि हिंदुओं के धर्मांतरण को रोकने के लिए कुछ सामाजिक समूह, मंदिरों और संस्थाओं में जागरूकता जरूर बढ़ी है और वो इसपर रोकथाम के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं.
लेकिन साथ ही रिपोर्ट में इस बात पर बल दिया गया है कि धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए संस्थाओं और व्यक्तियों को सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से ठोस पहल करने की आवश्यकता है. इस बैठक में संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चलाए जा रहे तमाम कार्यक्रम जैसे कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण रक्षा जागरण, धर्म जागरण कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट पर मंथन भी होगा.
बैठक में संघ के करीब 1200 पदाधिकारी एवं प्रचारक हुए शामिल
पिराना गांव में शुरू हुई बैठक में देशभर से संघ के करीब 1200 पदाधिकारी एवं प्रचारक शामिल हुए, जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शामिल हैं. बैठक के पहले दिन सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने संवाददाताओं से कहा कि इस बैठक के मुख्य विषयों में से एक विषय संगठन विस्तार है. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष से कोविड संकट के बावजूद संघ कार्य 2020 की तुलना में 98.6 प्रतिशत पुनः प्रारम्भ हो चुके हैं, साप्ताहिक मिलन कार्यक्रमों की संख्या भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि दैनिक शाखाओं में 61 प्रतिशत शाखाएं छात्रों और 39 प्रतिशत व्यवसायी शाखाएं हैं.