बुजुर्ग महिला मरीज के साथ अस्पताल कर्मचारियों ने किया अभद्र व्यवहार, बिना इलाज किये ही निकाला
बिना इलाज किये ही बुजुर्ग महिला मरीज को निकाला
भावनगर की हेमाबेन रो-रोकर अपनी व्यथा सबको बता रही है कि वृद्धा ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों, चौकीदारों और कर्मचारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया
भावनगर के सिविल अस्पताल में एक वृद्धा को बहुत कड़वा अनुभव झेलना पड़ा है। बोटाद की हेमाबेन पटेल नाम की बुजुर्ग महिला को सिविल अस्पताल के स्टाफ ने कथित तौर पर बाहर निकाल दिया। वृद्धा ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों, चौकीदारों और कर्मचारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हेमाबेन रो-रोकर अपनी व्यथा सबको बता रही है। इस घटना के कारण भावनगर के लोगों में अस्पताल की कार्यप्रणाली के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार भावनगर के सिविल अस्पताल में अपने पैरों के इलाज के लिए गई बोटाद की हेमाबेन पटेल नाम की एक बुजुर्ग महिला को ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उन्हें एक दिन रुकने को कहा। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, डॉक्टरों, चौकीदारों और नर्सिंग स्टाफ ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया। भावनगर के सिविल अस्पताल में स्टाफ द्वारा हेमाबेन का इलाज नहीं करने से वो एक निजी अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर थी।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ बदसलूकी का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में अहमदाबाद सिविल अस्पताल भी स्टाफ की दादागिरी का मामला सामने आया था जहाँ दो मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया और उनके परिजन ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। फिर दोनों में से एक मरीज की पर्ची जल्दी निकल गई जबकि दुसरे को अपनी पर्ची के लिए काफी इंतजार करना पड़ा था। इस बात पर भी मरीज के परिजन और सरकारी अस्पताल के स्टाफ के साथ कहासुनी हो गयी थी। इसके बाद मरीज के इलाज के दौरान भी जब मरीज के परिजनों ने डॉक्टर कुछ पूछा और जल्दी इलाज के लिए कहा तो इस मुद्दे पर भी बोलचाली हो गई और स्टाफ ने परिजन को गाली दे दी। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके अलावा, ऐसे कई मामले हमारे सामने है जहाँ सरकारी अस्पताल के कर्मचारी दादागिरी दिखाते नजर आते है।