Gujarat: गश्त कर रहे बीएसएफ जवान की हीट स्ट्रोक से मौत

Update: 2024-07-20 16:42 GMT

Gujarat गुजरात:  भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त के दौरान ‘हरामी नाला' क्रीक क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी और एक जवान की भीषण गर्मी से मौत हो गई। बीएसएफ ने शनिवार को यह जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सीमा के पास यह घटना शुक्रवार को हुई और बताया जा रहा है कि सहायक कमांडेंट विश्व देव और हेड कांस्टेबल दयाल राम को तापघात हुआ था तथा उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी। कच्छ के रण और हरामी नाला क्षेत्रों में वर्तमान तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच है तथा आर्द्रता का स्तर 80 से 82 प्रतिशत तक है।

सूत्रों ने बताया कि देव सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 59वीं बटालियन के थे और गश्ती दल का पानी और शक्तिवर्धक तरल पदार्थ हरामी नाला दलदली क्षेत्र में समाप्त हो गया था, जहां अत्यधिक आर्द्रता की स्थिति थी। उन्होंने बताया कि गश्ती दल के लिए निकटतम आधार शिविर से पानी पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि दोनों को भुज के एक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। इस साल मई में राजस्थान के 
jaisalmer
 में सुरक्षा में तैनात बीएसएफ के एक जवान की भीषण गर्मी और तापघात की ऐसी ही एक घटना में जान चली गई थी।

बीएसएफ के गांधीनगर स्थित गुजरात फ्रंटियर के एक प्रवक्ता ने नवीनतम घटना पर कहा कि ‘‘दोनों कर्मी बल के अन्य सदस्यों के साथ हरामी नाला के उत्तर में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुदूर और दुर्गम इलाके में लंबी दूरी की गश्त पर थे। ये स्थान जोखिम भरा है। ये लोग भीषण गर्मी का सामना कर रहे थे और इन्हें उपचार की तत्काल जरूरत पड़ी।'' प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्हें तुरंत निकटतम चिकित्सा केन्द्र ले जाया गया लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।'' प्रवक्ता ने कहा कि उनके व्यापक प्रशिक्षण और अनुभव के बावजूद, "स्थिति की गंभीरता" भारी साबित हुई।

BSF ने एक बयान में कहा कि दोनों बीएसएफ कर्मियों ने बहादुरी और समर्पण के उच्चतम मानकों का उदाहरण प्रस्तुत किया। बीएसएफ ने बयान में कहा कि अत्यधिक खतरे के बावजूद भी देश की संप्रभुता की रक्षा करने की उनकी प्रतिबद्धता को कभी नहीं भुलाया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस कठिन वक्त में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवारों, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ हैं।'' बीएसएफ का गुजरात फ्रंटियर राजस्थान के बाड़मेर से लेकर सर क्रीक क्षेत्र सहित कच्छ के रण तक 826 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा की रक्षा करता है।


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