गुजरात ग्राम पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न, शाम तक 47 फीसदी मतदान, 21 दिसंबर को आएंगे नतीजे
गुजरात में 8,690 ग्राम पंचायतों के लिए मतदान रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया और शाम तक करीब 47 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात में 8,690 ग्राम पंचायतों के लिए मतदान रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया और शाम तक करीब 47 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के आंकड़ों के मुताबिक, 48,573 वार्डों में औसतन 25.11 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. गांधीनगर, आणंद, पोरबंदर आदि जिलों में मतदान प्रतिशत अधिक रहा जबकि दाहोद, डांग, देवभूमि द्वारका, नर्मदा और खेड़ा में अपेक्षाकृत कम मतदान दर्ज किया गया.
गांधीनगर के एक बूथ पर धांधली के आरोप और सुरेंद्रनगर में दो उम्मीदवारों में झड़प के बाद मतदान स्थगित करने को छोड़कर मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही. एक अन्य घटना जो कैमरे में दर्ज हुई है, एक मतदाता द्वारा मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन ले जाने की जिद करने पर पुलिस कांस्टेबल उसकी पिटाई करता है. उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया.
सरपंच के चुनाव के लिए 27,200 और पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए 1 लाख 19 हजार 998 उम्मीदवार मैदान में हैं. गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि 1165 ग्राम पंचायतों और 9613 वार्ड में प्रतिनिधि निर्वरोध चुने गए हैं. गुजरात में इस प्रकार की पंचायतों को 'समरस' कहते हैं. इसके अलावा 473 सरपंच 'आंशिक रूप से निर्विरोध' प्रक्रिया (जब नामांकनों को वापस लिए जाने के कारण सरपंच के पद के लिए केवल एक उम्मीदवार शेष बचता है) के तहत चुने गए.
हर वोटर ने डाले दो वोट
ग्राम पंचायत चुनावों में हर मतदाता को दो मत डालने होते हैं-एक मत सरपंच के लिए और दूसरा मत अपने वार्ड के पंचायत सदस्य के लिए. राज्य निर्वाचन निकाय ने कहा कि अत्यधिक वार्ड संख्या के कारण इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपेटियों का उपयोग किया गया और 23,112 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ. चुनाव के लिए 37,451 मतपेटियों का इस्तेमाल किया गया. निर्वाचन आयोग ने संवेदनशील और अत्यंत संवेदनशील घोषित किए गए लगभग 10,000 मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था की.
गुजरात विधानसभा के लिए अगले साल दिसंबर में होने वाले चुनाव से पहले ग्राम पंचायत चुनाव को राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी परीक्षा माना जा रहा है. ग्राम पंचायत चुनाव का उम्मीदवार किसी राजनीतिक दल के चिह्न पर नहीं, बल्कि अपनी निजी क्षमता पर लड़ता है. हालांकि उम्मीदवार किसी न किसी दल से संबद्ध रहता है. विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रमुखों और वार्ड सदस्यों को चुनने के लिए सुबह सात बजे से मतदाताओं की कतारें लगनी शुरू हो गईं और मतदान शाम छह बजे तक चला. अब वोटों की गिनती 21 दिसंबर को होगी.