गुजरात शिक्षा मंत्री का ऐलान, कोरोना महामारी के कारण इस साल भी कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी छात्र होंगे प्रमोट

गुजरात सरकार ने सोमवार को एक अहम फैसला लेते हुए ऐलान किया कि कोरोना महामारी के कारण इस साल भी कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्रों को अगली कक्षा के लिए प्रमोट किया जाएगा.

Update: 2022-05-03 02:23 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने सोमवार को एक अहम फैसला लेते हुए ऐलान किया कि कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण इस साल भी कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्रों को अगली कक्षा के लिए प्रमोट किया जाएगा. वहीं सरकार के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी (Gujarat Education Minister Jitu Vaghani) ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना महामारी के कारण कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को उनके मार्क्स की परवाह किए बिना मास प्रमोशन देने का गुजरात राज्य शिक्षा विभाग ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. गुजरात (Gujarat) में ये लगातार दूसरा साल है जब राज्य सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया है. हालांकि इस साल ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित की गईं थी, लेकिन राज्य सरकार ने मार्क्स के बावजूद सभी छात्रों को प्रमोट करने का फैसला किया है.

वहीं इससे पहले पिछले महीने केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कक्षा 1 से लेकर 9वीं कक्षा तक के छात्रों को बिना परीक्षा के ही पास कर दिया था. इसके बाद पुडुचेरी के शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से लेकर 9वीं कक्षा तक के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया. दरअसल पुडुचेरी सरकार ने कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया है.
गुजरात में कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी छात्र होंगे प्रमोट- शिक्षा मंत्री
स्कूलों में वेद पढ़ाने पर उत्तराखंड सरकार कर रही विचार
उधर इस बीच उत्तराखंड सरकार वेद, पुराण, उपनिषद, गीता और रामायण जैसे ग्रंथों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि छात्रों को अपनी संस्कृति और समृद्ध ज्ञान परंपरा के बारे में जानकारी होनी चाहिए और इसलिए इन ग्रंथों की सामग्री को शैक्षिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर विचार हो रहा है. इस संबंध में उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम राज्यों को तैयार करना है.
मंत्री ने हालांकि साफ किया कि इस बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आम लोगों और अभिभावकों के भी सुझाव लिए जाएंगे. उधर इस मामले में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अपनी संस्कृति के बारे में पढ़ाए जाने में कोई बुराई नहीं है.
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