गुजरात: आर्सेलर मित्तल समूह को वन भूमि के हस्तांतरण पर भाजपा और कांग्रेस में तीखी बहस

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Update: 2022-03-22 18:13 GMT

नई दिल्ली। गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच इस्पात समूह आर्सेलर मित्तल समूह को वन भूमि आवंटन को लेकर राज्य विधानसभा में मंगलवार को तीखी बहस हुई और दोनों दलों ने एक-दूसरे पर ऐसी कंपनियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री जगदीश पांचाल ने पिछली कांग्रेस सरकारों पर उद्योगों और खनन के लिए 11,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि आवंटित करने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस विधायकों ने भाजपा सरकार पर ऐसे कॉरपोरेट््स पर नरम रूख अपनाने का आरोप लगाया।

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक संजय सोलंकी द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में, पांचाल ने सदन को सूचित किया कि केंद्र ने वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत मार्च 2021 में सूरत के हजीरा इलाके में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (एएमएनएस) इंडिया को 65.73 हेक्टेयर वन भूमि के ''हस्तांतरण'' को मंजूरी दी थी।

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, ''प्रतिपूरक वनीकरण'' के लिए 6.93 करोड़ रुपये एकत्र किए और उसी कंपनी से कच्छ जिले के भुज तालुका में 206.38 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया, जबकि 65.73 हेक्टेयर वन भूमि आवंटित की गई थी। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पांचाल ने कहा कि वन (संरक्षण) अधिनियम, जिसके तहत औद्योगिक उपयोग के लिए वन भूमि आवंटित की जाती है, 1980 में तब लागू हुआ जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।


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