23 जून से शुरू होगा गुजरात में शाला प्रवेशोत्सव के तहत गुजरात के सरकारी स्कूलों में नामांकन अभियान, जानिए क्या है ये प्रोग्राम
गुजरात में पहली कक्षा में विद्यार्थियों के नामांकन के लिए चलने वाले वार्षिक अभियान ‘शाला प्रवेशोत्सव’ के 17वें संस्करण का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 23 जून को बनासकांठा के वडगाम तालुका के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय से करेंगे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात में पहली कक्षा में विद्यार्थियों के नामांकन के लिए चलने वाले वार्षिक अभियान 'शाला प्रवेशोत्सव' के 17वें संस्करण का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (CM Bhupendra Patel) 23 जून को बनासकांठा के वडगाम तालुका के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय से करेंगे.राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने सोमवार को कहा कि पहली बार 23 से 25 जून के बीच चल रहे तीन दिवसीय स्कूल नामांकन (Gujarat Govt School) अभियान के तहत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को गांवों में भेजने का फैसला किया गया है.
32,000 सरकारी प्राथमिक स्कूलों को शामिल होंगे
मंत्री ने बताया कि इन तीन दिनों के दौरान नये शामिल हुए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यभर के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में राज्य के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के साथ 84 जिला अधिकारी और 24 आईपीएस अधिकारियों सहित 356 अधिकारी मौजूद रहेंगे. वाघानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2003 में 'शाला प्रवेशोत्सव' शुरू किया था, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में अधिकतम नामांकन सुनिश्चित करना था.
वाघानी ने पत्रकारों से कहा कि अभियान के दूसरे दिन, मुख्यमंत्री तापी जिले के निजार तालुका के एक स्कूल में एक प्राथमिक विद्यालय में छात्रों का नामांकन करने के लिए उपस्थित रहेंगे. इस तीन दिवसीय अभियान के दौरान अधिकारी और निर्वाचित प्रतिनिधि लगभग 32,000 सरकारी प्राथमिक स्कूलों को शामिल करेंगे.
बच्चों में सीखने की कमी से लेकर कई बातों पर होगी चर्चा
वाघानी ने बताया कि ये अधिकारी और निर्वाचित प्रतिनिधि हर शाम तालुका स्तर की समीक्षा बैठकों में भी हिस्सा लेंगे. शिक्षकों के साथ अलग-अलग बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें सीखने , उपस्थिति और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई नई पहल के तहत शिक्षकों द्वारा बच्चों में सीखने की कमी और हानी हुए हैं उसे कवर करना है. शिक्षकों और छात्रों की 100 प्रतिशत उपस्थिति, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता, यूनिट टेस्ट और सेमेस्टर परीक्षा के परिणाम और महामारी के दौरान विभाग द्वारा की गई ऑनलाइन और ऑफलाइन पहल की समीक्षा की जाएगी.